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राजकुमार हिरानी ने महामारी के बीच फिल्मों और जीवन के बारे में की बात

लॉकडाउन परिदृश्य पर सवाल होना वाज़िब था, ऐसे में एक ने इसी विषय पर सवाल किया। पीके के निर्देशक ने लॉकडाउन में घर का खाना खा कर और आराम करते हुए अपनी दो टी-शर्ट और एक शॉर्ट्स का उपयोग करते हुए अपना समय बिताया था।

राजकुमार हिरानी ने महामारी के बीच फिल्मों और जीवन के बारे में की बात
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फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज (एफएमएस) द्वारा आयोजित एक वेबिनार में, फिल्म निर्माता राजकुमार हिरानी ने उनके वर्ड ऑफ व्हिज़्डम लेक्चर सीरीज़ में लीडरशिप, क्रिएटिविटी और अपनी फिल्मों के बारे में विचार साझा किये है। 

परिगी, एफएमएस के अध्यक्ष ने माननीय हिरानी से एक सवाल पूछकर सेशन की शुरूआत की, उन्होंने पूछा कि फिल्म निर्माता ने अपने ऑफिस में चार्ली चैपलिन की मूर्ति क्यों लटकाई थी। उन्होंने मुस्कुराते हुए उल्लेख किया कि ऐसा इसलिए था क्योंकि वह चाहते थे कि लोग अपने चेहरे पर मुस्कान के साथ उनसे मिले। 

इसके बाद एक सवाल आया कि महामारी सिनेमा के भविष्य को कैसे प्रभावित करेगी। इसका उत्तर यह था कि राजकुमार को लगता है कि सिनेमा को प्रचलित समय के अनुकूल होना होगा और न केवल कहानियों को इस अनूठे समय के अनुकूल होना होगा बल्कि सिनेमा हॉल को भी इस समय के दौरान इनोवेशन के साथ आना होगा। 

लॉकडाउन परिदृश्य पर सवाल होना वाज़िब था, ऐसे में एक ने इसी विषय पर सवाल किया। पीके के निर्देशक ने लॉकडाउन में घर का खाना खा कर और आराम करते हुए अपनी दो टी-शर्ट और एक शॉर्ट्स का उपयोग करते हुए अपना समय बिताया था। एक सूत्र के अनुसार, "राजकुमार लॉकडाउन के दौरान एक व्यस्त आदमी थे, वह भले ही घर पर आराम कर रहे थे, लेकिन पर्दे के पीछे उन्होंने अपने आसपास के बहुत से लोगों तक पहुंचना सुनिश्चित किया जिन्हें मदद की ज़रूरत थी। उन्होंने हर संभव तरीके से दूसरों की मदद की थी। वह उस वक़्त बहुत सक्रिय थे जब जरूरत के समय लोगों की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाने का समय था। " 

कोविड के समय में मुन्नाभाई और सर्किट पर मज़ेदार तंज कसते हुए, मुन्नाभाई निर्देशक ने कहा कि वे शायद 'जादू की झप्पी' के कारण जेल की हवा खा सकते है। 

एक समापन नोट में उन्होंने कहा कि लोगों को रिटर्न के लिए अपेक्षाओं के बिना अपने लक्ष्य की ओर काम करना चाहिए। "आपको जो चीज़ पसंद है उसे करते रहना चाहिए," उन्होंने कहा। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी फिल्मों के करैक्टर वास्तविक जीवन के लोगों पर आधारित होते हैं।

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