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फिल्म रिव्यू: डराने से ज्यादा कुछ नया एक्सपीरियंस कराती है ‘तुम्बाड’


फिल्म रिव्यू: डराने से ज्यादा कुछ नया एक्सपीरियंस कराती है ‘तुम्बाड’
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सोहम शाह की फिल्म ‘तुम्बाड’ का जैसे ही ट्रेलर रिलीज हुआ था, दर्शकों में इस फिल्म के प्रति जिज्ञासा बढ़ना शुरु हो गई थी। लगा था कि फिल्म काफी हटकर और डराने वाली होगी। तो निश्चित ही फिल्म काफी हटकर तो है पर डराने के मामले में थोड़ा कमजोर है। पर हां फिल्म के दौरान सीट छोड़ने का मन नहीं करेगा और आखिर में कहेंगें हां यार कुछ तो नया था।


कहानी

फिल्म की कहानी 19वीं सदी से शुरु होती है। महाराष्ट्र का एक गांव है ‘तुम्बाड’ जहां विनायक (सोहम शाह) अपनी मां और भाई के साथ रहता है। सोहम बचपन से ही लालची रहता है और उसकी खजाने में नजर रहती है। पर एक हादसा होने के बाद विनायक को मां के साथ गांव छोड़ना पड़ता है। पर विनायक जब जवान हो जाता है, तो फिर वह खजाने की तलाश में तुंबाड आता और बार बार आता है। विनायक अपने बच्चे को भी उस खजाने के लिए तैयार करता है। ये तो कहानी के तौर पर चंद शब्द हैं, फिल्म के बारे में अधिक जानने के लिए ‘तुम्बाड’ देखना होगा। फिल्म का क्लाइमेक्स तो आपके होश ही उड़ा देगा। साथ ही बीच बीच में कुछ ऐसे सीन्स हैं जहां आपको समोसा और पॉपकॉर्न को हाथ भी लगाने का मन नहीं करेगा।

एक्टिंग

सोहम शाह ने फिल्म को प्रोड्यूस भी किया है और लीड रोल भी निभाया है। फिल्म में उन्हें देखकर साफ हो जाता है कि इस फिल्म के लिए उन्होंने बहुत ज्यादा मेहनत की है। फिल्म में डायलॉग कम ही है, पर अपने एक्सप्रेशन से उन्होंने हरेक सीन को उम्दा बनाया है। सोहम के अलावा सभी सपोर्टिंग किरदार अपने अपने किरदार में फबे हैं।

डायरेक्शन

‘तुम्बाड’ को राही अनिल बार्वे, आनंद गांधी और आदेश प्रसाद ने मिलकर डायरेक्ट किया है। फिल्म का डायरेक्शन निश्चित ही उम्दा है। फिल्म में वीएफएक्स का इस्मेताल कमाल का देखने को मिलता है जो ‘तुम्बाड’ को और भी प्रभावशाली बनाता है।   

म्यूजिक

‘तुम्बाड’ में गाने कम हैं और कहानी के हिसाब से इससे अधिक गानों की आवश्यक्ता भी नहीं थी। वहीं फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक कमाल का है, जो फिल्म के सीन्स को और अधिक दमदार बनाता है।   


कास्ट - सोहम शाह, अनीता दाते, रंजनी चक्रवर्ती, मोहम्मद सामद


खूबियां - आजादी के पहले के पुणे शहर और लोगों को बाखूबी उभारा गया है, अंग्रेज भी नजर आते हैं। साथ ही पुराना गांव, किला, गहरा और डरावना कुआं देखना दिलचस्प होगा। इसके अलावा सोहम शाह की जबर्दस्त एक्टिंग के साथ कहानी भी हटकर है।


कमियां - ‘तुम्बाड’ फिल्म हॉरर या मसाला फिल्मों के शौकीन लोगों के लिए नहीं है। क्योंकि यह आपको डराने और हसाने में कामयाब नहीं होगी।

रेटिंग - 4/5


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