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Jabariya Jodi Movie Review: सिद्धार्थ-परिणीति की जोड़ी और फिल्म का सब्जेक्ट करेगा एंटरटेन!

सिद्धार्थ ने पहले इस तरह के किरदार कभी निभाए नहीं थे, उनके लिए यह चैलेंज था। जिसपर काफी हद तक वे खरे उतरे, पहले से उनकी एक्टिंग में काफी इम्प्रूवमेंट देखने को मिला। थोड़ा बिहारी डिक्शन के लिए मेहनत करते तो ज्यादा नेचुरल लगता।

Jabariya Jodi Movie Review: सिद्धार्थ-परिणीति की जोड़ी और फिल्म का सब्जेक्ट करेगा एंटरटेन!
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हमारे देश में जिस तरह से अलग अलग जाति, धर्म और संप्रदाय के लोग रहते हैं, उसी तरह इस देश में अलग अलग मान्यताएं, परम्पराएं, रीति रिवाज और प्रथाएं भी अस्तित्व में हैं। इनका जहां अपना एक महत्व है वहीं इनके नुकसान भी है। इसी में से एक परंपरा पकड़वा शादी है, जो कि बिहार में पॉपुलर रही है।

एकता कपूर और शोभा कपूर  इस सब्जेक्ट पर एक फिल्म लेकर आई हैं, जिसका नाम 'जबरिया जोड़ी' है। इस सब्जेक्ट को कुछ फिल्ममेकर्स ने पहले ही अपनी फिल्मों में लिया है। पर ऐसा पहली बार हुआ है, जब इस मुद्दे पर ही पूरी फिल्म बनी हो। पकड़वा शादी जैसे सीरियस मुद्दे को डायरेक्टर प्रशांत सिंह ने रोमांटिक कॉमेडी में परोसा है और वे इसमें सफल रहे हैं। वहीं फिल्म के लीड एक्टर सिद्धार्थ मल्होत्रा और परिणीति चोपड़ा की केमेस्ट्री काफी बेहतर नजर आई है।

बबली (परिणीति चोपड़ा) का जैसा नाम वैसा काम भी है, वह काफी चुलबुली बिंदास और निडर है। उसे एक लड़का पसंद आता है, उसके लिए वह अपनी फैमिली को छोड़कर भाग आती है, पर लड़का धोका दे जाता है। पर बबली भी कम कहां उस लड़के की पब्लिक और मीडिया के सामने जमकर पिटाई करती है। दूसरी तरफ है अभय सिंह (सिद्धार्थ मल्होत्रा) जो अपने पिता (जावेद जाफरी) से नफरत करता है, पर अपने पिता जैसे ही बन जाता है और लोगों की पकड़वा शादी कराता है। एक शादी में अभय और बबली की मुलाकात होती है। ये दोनों छोटी उम्र से ही एक दूसरे को चाहते थे पर बिछड़ गए थे। पर यहां वे दोनों को पहचान जाते हैं। अब दिक्कत ये है कि दोनों हैं तो बिंदास और निडर पर बबली इमोशनल भी है। पर अभय को एमोशनन्स छू भी नहीं पाते। इसके बाद फिल्म में बहुत सारे ट्विस्ट हैं, जिसके लिए आपको फिल्म देखनी होगी।

फिल्म की स्क्रिप्ट कसी हुई है। डायरेक्शन में भी ज्यादा कमी नजर नहीं आई। पर हां फिल्म में थोड़ा और रिसर्च की जरूरत थी। छोटे शहर में लड़कियों का इतना मॉडर्न होना और इस तरह का कॉस्ट्यूम हजम नहीं होता।

एक्टिंग की बात करें तो सिद्धार्थ और परिणीति की कैमेस्ट्री स्क्रीन पर बेहतरीन नजर आई। पर परिणीति अपने किरदार को और भी मजबूत बना सकती थीं। कई बार उनके इमोशन्स छाप छोड़ते छोड़ते रह गए। सिद्धार्थ ने पहले इस तरह के किरदार कभी निभाए नहीं थे, उनके लिए यह चैलेंज था। जिसपर काफी हद तक वे खरे उतरे, पहले से उनकी एक्टिंग में काफी इम्प्रूवमेंट देखने को मिला। थोड़ा बिहारी डिक्शन के लिए मेहनत करते तो ज्यादा नेचुरल लगता। संजय मिश्रा अच्छे एक्टर हैं, पर हरेक फिल्म में उनकी एक जैसी एक्टिंग दर्शकों को बोर करने लगी है। जावेद जाफरी की एक्टिंग जबरदस्त थी। क्लाइमेक्स के टाइम पर उन्हें देखकर आपको अमरीश पुरी भी याद आ सकते हैं। इसके अलावा अपारशक्ति खुराना ने भी अपने किरदार के साथ न्याय किया है। उनका शायराना अंदाज आपको खास पसंद आएगा।

अगर आपने लंबे वक्त से कोई एंटरटेनिंग कॉमेडी फिल्म नहीं देखी है, तो आपको 'जबरिया जोड़ी' जरूर देखनी चाहिए। यह फिल्म आपको हंसाते हंसाते आप तक एक मैसेज भी छोड़ जाएगी।

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