देओल खानदान की तासरी पीढ़ी सिल्वर स्क्रीन पर दस्तक देने के लिए तैयार है। हाल ही में सनी देओले के बेटे करण देओल की फिल्म ‘पल पल दिल के पास’ का ट्रेलर रिलीज हुआ। इस फिल्म से करण बॉलीवुड में डेब्यू कर रहे हैं। इस फिल्म को खुद सनी देओल ने डायरेक्ट किया है। साथ ही करण के दादा और महान एक्टर में से एक धर्मेंद्र खुद पोते का आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए ट्रेलर लॉन्च पर पहुंचे थे। हाल ही में मुंबई लाइव ने करण देओल से खास मुलाकात की। इस मुलाकात में करण ने फिल्म और अपनी निजी जिंदगी से जुड़े कई सवालों का बेबाकी से जवाब दिया।
करण ने कहा, मैंने चौथी तक की पढ़ाई जुहू के बीसंत मॉन्टेसरी स्कूव से की, इसके बाद आठवीं तक की पढ़ी जमुनाबाई स्कूल और नौवीं से बारहवीं तक की पढ़ाई इकॉल मॉनडायल से किया। स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद में मैंने परिवारवालों को बताया कि मैं एक्टिंग करना चाहता हूं। जिसके बाद मैंने अतुल मॉन्जिया के साथ वर्कशॉप किया और एक्टिंग की पढ़ाई के लिए इंग्लैंड रवाना हो गया। वहां मैंने ‘ईलिंल फिल्म स्टूडियो’ से 5 महीनों में फिल्म मेकिंग का कोर्स किया।
करण ने कहा, मैं हमेशा से पापा से थोड़ा डरता था, इसकी वजह यह भी है कि वे ज्यादातर बाहर रहते हैं। इसलिए मैं अपनी कोई भी बात उन तक मां के जरिए पहुंचाता था। इसलिए एक्टर बनने की बात पहले मैंने मां को बताई और मां ने पापा को बताई।
करण ने कहा, मेरी दादा (धर्मेंद्र) के साथ अच्छी खासी बॉन्डिंग रही है। हमने साथ में वीडियो गेम खेले हैं। उन्होंने अपनी कहानी भी बताई कि किस तरह से पंजाब से वे मुंबई आए और उन्होंने किस तरह से यहां स्टूडियोज के चक्कर काटे। यह बात सच है अगर ने पंजाब से यहां ना आते तो हम कभी एक्टर ना बन पाते। आज मेरे पापा चाचा और मैं जो कुछ भी हैं उन्ही की वजह से हैं।
करण ने कहा, मैंने अपने पिता से तीव्रता, दादा से कॉमिक टाइमिंग और बॉबी चाचा से डांस के स्किल्स सीखे हैं। वहीं अभय चाचा (अभय देओल) ने जो ऑफ बीच फिल्में चूज करके अपना एक मुकाम हासिल किया है। उनसे भी मैंने बहुत कुछ सीखा है।
पूछे जाने पर कि अगर ‘यमला पगला दीवाना’ का सीक्वेल आता है तो क्या आप उसमें नजर आओगे? इस पर करण ने कहा, क्यों नहीं, मेरे लिए यह खुशी की बात होगी मुझे अपने दादा के साथ स्क्रीन शेयर करने का मौका मिलेगा।
करण ने अपने भाई राजीव देओल की फिल्मों में एट्री को लेकर कहा, हां अभी राजीव ट्रेनिंग में जुटा है, जल्द ही वह भी फिल्मों में नजर आएगा।
पूछे जाने पर कि पापा और दादा कि कौन सी फिल्में फेवरेट हैं। इस पर करण ने कहा, मुझे मेरे दादा कि ‘चुपके-चुपके’ और पापा की ‘अर्जुन’ पसंद है, क्योंकि ‘अर्जुन’ की कहानी इतनी प्रासंगिक है, और यह समस्या अभी भी हमारे देश में है, यह सिर्फ इतना है कि खलनायक के भेश-भूषा बदल गए हैं।