भांगड़ा पंजाबियों की शान माना जाता है, भांगरा का तड़का लगे बिना पंजाबियों के कोई त्योहार पूरे नहीं होते। इसी डांस फॉर्म को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने के लिए आरसवीपी ने 'भांगड़ा पा ले' फिल्म बनाई है। इस फिल्म में पंजाब के ट्रेडिशनल भांगड़ा को वेस्टर्न फॉर्म में पेश करने का प्रयास किया गया है। पर फिल्म की डायरेक्टर स्नेहा तौरानी इसमें पूरी तरह से सफल नहीं हुई हैं।
सनी कौशल (जग्गी सिंह) भांगड़ा का दीवाना है, और भांगड़ा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने के लिए अपना घर और पिंड छोड़कर चंडीगढ़ शिफ्ट हो जाता है। एक प्रतियोगिता होती है, जिसके द्वारा जग्गी को मौका मिल सकता है, इंग्लैंड में भांगड़ा पाने का पर उसमें अड़चन बन जाती है, सिमी(रुखसार ढिल्लन)। सिमी दूसरे कॉलेज से रहती है और प्रतियोगिता में जग्गी को हरा देती है। देखते ही देखते जग्गी का सपना चकना चूर हो जाता है। अब जग्गी अपने दादाजी कप्तान सिंह का सपना पूरा कर पाएगा या नहीं, जिनकी कहानी जग्गी के साथ साथ चलती है। यह सब जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
सनी कौशल, विकी कौशल के भाई हैं। जिस तरह से विकी एक बेहतरीन कलाकार के रूप में उभरे हैं, उसी तरह विकी ने भी अपनी बेहतरीन अदाकारी का परिचय दिया है। उनका डांस भी बेहतर था। साथ ही डायरेक्टर उनसे और अच्छा काम निकलवा सकते थे। रुखसार ढिल्लन भी अपने किरदार में फिट बैठी हैं।
शुरुआत में भांगड़ा और म्यूजिक अच्छा लगता है, पर जैसे जैसे समय निकलता है और वही चीजें रिपीट होती हैं तो बोर होने लगता है। फिल्म की कहानी में नए पन की जरूरत थी। साथ ही डायरेक्टर को रिपीटेशन से बचना चाहिए था।
आगरा आपको डांस, भांगड़ा और म्यूजिक पसंद है, तो एक बार इस फिल्म को आप देख सकते हैं इस फ़िल्म को हम 5 में से 2.5 स्टार देते हैं।