कोरोना संकट (Coronavirus) और लॉकडाउन (Lockdown) के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala sitaraman) ने राजस्व को फिर से भरने के लिए कृषि के नाम पर एक अलग कोष स्थापित करने की मांग की है। नतीजतन, पेट्रोल-डीजल के साथ साथ अल्कोहल और मादक पेय पदार्थों पर उपकर में 100 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह कृषि अधिभार किसानों की मदद के लिए लगाया जा रहा है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को देश का बजट पेश किया। इस बजट में कुछ वस्तुओं पर करों में वृद्धि की गई है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में, मादक पेय (Liquor) पदार्थों पर उपकर दर में 100 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। विशेषज्ञों के अनुसार, उपकर में वृद्धि से शराब और मादक पेय पदार्थों की कीमत में वृद्धि होगी।
वहीं, पेट्रोल (Petrol) पर 2.5 रुपये और डीजल (Diesel) पर 4 रुपये का उपकर लगाया जाएगा। हालांकि, उपकर को प्रीमियम ईंधन जैसे ब्रांडेड पेट्रोल-डीजल यानी गति, अतिरिक्त मील पर लगाया जाएगा। इसलिए, यह कहा जा रहा है कि इस उपकर का भुगतान उपभोक्ताओं को नहीं, बल्कि ईंधन कंपनियों को करना होगा। यह भी कहा जा रहा है कि इस मूल्य वृद्धि से आम आदमी की जेब पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
वर्तमान में, मुंबई में पेट्रोल की कीमत 92.86 रुपये और डीजल की 83.30 रुपये प्रति लीटर है। ब्रांडेड पेट्रोल-डीजल की कीमत अगले कुछ दिनों में उपकर लगने के बाद कितनी बढ़ जाएगी, यह निर्धारित करेगा कि क्या यह वास्तव में आम आदमी की जेब पर चोट करेगा या नहीं।
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