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Corona effect: डेटॉल और लाइफबॉय लड़ पड़े एक दूसरे से

इन कंपनियों में से एक का दावा है कि वो बेहतर है तो दूसरी ये दावा कर रही है कि उसके प्रोडक्ट को खराब बताया गया है।

Corona effect: डेटॉल और लाइफबॉय लड़ पड़े एक दूसरे से
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दुनिया इस समय कोरोना के कहर स जूझ रही है तो वहीं भारत मे इस महामारी को लेकर दो बड़ी कंपनियां एक दूसरे से लड़ पड़ी है। इन कंपनियों में से एक का दावा है कि वो बेहतर है तो दूसरी ये दावा कर रही है कि उसके प्रोडक्ट को खराब बताया गया है।

क्या है मामला?
लाइफबॉय साबुन के निर्माता हिंदुस्तान यूनीलीवर( Hindustan Unilever) और डेटॉल (Dettol) बनाने वाली रेकिट बेंकिजर( Reckitt Benckiser) दोनों कंपनी एक दुुसरेे के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंच गए हैं। इन दोनों कंपनीज के बीच अपने-अपने प्रोडक्ट को बेहतर बताने को लेकर जंग छिड़ गई है।

दरअसल जब से कोरोना वायरस ने भारत में दस्तक दिया है तभी से देश भर में  हाथों को धोने (Hand Wash)और सैनिटाइज (Sanitize) करने के लिए हैंडवॉश की मांग काफी बढ़ गयी है।

इसके बाद लाइफबॉय साबुन निर्माता कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) ने डेटल (Dettol) बनाने वाली रेकिट बेंकिजर( Reckitt Benckiser) पर आरोप लगाते हुए कहा कि डेटॉल ने जो विज्ञापन बनाया है उसमें उन्होंने लाइफबॉय साबुन को घटिया बताते हुए कहा है कि डेटॉल से हाथ धोना काफी फायदेमंद है। इसके बाद  हिंदुस्तान यूनिलीवर ने बॉम्बे हाई कोर्ट में डेटॉल के ख़िलाफ याचिका दायर करते हुए एक करोड़ रुपए के हर्जाने की मांग की।

 हिंदुस्तान यूनिलीवर ने कहा- डेटॉल ऐड न सिर्फ झूठ फैला रहा है बल्कि लोगों को गलत जानकारी दे रहा है कि साबुन से हाथ धोना उनके लिए सुरक्षित नहीं है।

जबकि डेटॉल कंपनी का कहना था कि उन्होंने अपने ऐड में किसी भी साबुन का नाम नहीं लिया है।

लाइफबॉय कंपनी ने कहा कि सैनिटाइजर समेत हैंड वाश के लिए अल्कोहल प्रोडक्ट तब लोगों को सुझाए जाते हैं जब साबुन और पानी न हो, लेकिन डेटॉल अपने विज्ञापनों में बता रहा है कि डेटॉल हैंडवॉश हाथ धोने का सबसे सुरक्षित तरीका है और साबुन से हाथ धोने पर कीटाणुओं से पूरी सुरक्षा नहीं मिल सकती।

इस बारे में सुनवाई कर रहे हैं जस्टिस के.आर. श्रीराम की सिंगल बेंच का कहना था कि डेटॉल के 12 मार्च वाले एक विज्ञापन में लाइफबॉय साबुन के ट्रेडमार्क को दिखाया गया है और ये बताया गया है कि डेटॉल साबुन से 10 गुणा ज्यादा सुरक्षा कीटाणुओं से है।

कोर्ट ने ये भी कहा कि यह ऐड डब्लूएचओ की गाइडलाइन को भी गलत बता रहा है इसलिए कंपनी को अपने ऐड पर रोक लगानी होगी।

तो वहीँ, डेटॉल की तरफ से उनके वकील ने कहा, हिंदुस्तान यूनिलीवर ये साबित नहीं कर पाया है कि 12 मार्च को टीवी पर जो ऐड दिखाया गया है उसमें साबुन लाइफबॉय ही था, इसलिए हर्जाने देने का कोई सवाल ही नहीं उठता।

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