एटीएम से पैसे निकालना आने वाले समय मे ग्राहकों के लिए महंगा पड़ सकता है, साथ ही एटीएम से 5,000 रुपये से अधिक की निकासी पर पाबंदी भी लग सकती है। इसकी सिफारिश भारतीय रिजर्व बैंक की एक समिति ने की है। रिजर्व बैंक ने अभी तक इन सिफारिशों पर कोई निर्णय नहीं लिया है।
पिछले वर्ष, एटीएम इंटरचेंज शुल्क-संरचना की समीक्षा करने के लिए भारतीय बैंकर्स एसोसिएशन (आईबीए) के मुख्य कार्यकारी की अध्यक्षता में एक संस्थापक समिति ने एटीएम से नकद निकासी पर अधिकतम 5,000 रुपये तक की सीमा की सिफारिश की थी। साथ ही अधिक निकासी के लिए 16 से 24 फीसदी तक शुल्क लेने और मुफ्त ट्रांजेक्शन को अधिक बार अनुमति नहीं देने जैसी अन्य सिफारिशें भी शामिल थीं।
इसके अलावा समिति की तरफ से यह भी सिफारिश की गई थी कि एटीएम परिचालन की लागत बढ़ाई जाए।
2008 के बाद से एटीएम उपयोग शुल्क में कोई बदलाव नहीं हुआ है। वर्तमान में, ग्राहक एक ही समय में 10,000 रुपये और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम से एक दिन में 20,000 रुपये तक निकाल सकता हैं। अन्य बैंकों में एकल लेनदेन और दैनिक निकासी के लिए अलग-अलग सीमाएँ हैं। आईसीआईसीआई बैंक में यह सीमा 50,000 रुपये से 1.50 लाख रुपये तक है।
एटीएम कितना महंगा हो सकता है?
10 लाख से अधिक आबादी वाले शहर
- यदि लेन-देन की तय सीमा से अधिक बार ट्रांजेक्शन करने पर शुल्क 15 रु. से बढ़कर 17 रु. करना।
- बैलेंस चेक, पिन चेंज जैसे काम के लिए शुल्क 5 रुपये से 7 रुपये।
10 लाख से कम आबादी वाले शहर
- फ्री-ट्रांजेक्शन की संख्या 5 से बढ़ाकर 6 की जा सकती है।
- छह से अधिक निकासी के लिए शुल्क 15 रुपये से बढ़ाकर 18 रुपये किया जा सकता है।
- बैलेंस चेक, पिन चेंज फीस 5 से बढ़ाकर 7 रुपए हो सकता है।