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वीडियोकॉन पर मेहरबान ICICI बैंक, 2000 करोड़ रूपये का कर्ज एनपीए घोषित


वीडियोकॉन पर मेहरबान ICICI बैंक, 2000 करोड़ रूपये का कर्ज एनपीए घोषित
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बैंकिंग नियमों का उल्लंघन करने पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने निजी क्षेत्र के दिग्‍गज बैंक आईसीआईसीआई बैंक पर 58.9 करोड़ रुपए का मौद्रिक जुर्माना लगाया है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा किसी प्राइवेट बैंक पर लगाया गया यह जुर्माना अब तक का सबसे बड़ा जुर्माना है।

अब तक सबसे बड़ा जुर्माना 

26 मार्च के दिन आरबीआई ने इस मामले में जानकारी दी। आरबीआई ने यह जुर्माना आईसीआईसीआई बैंक द्वारा अपने हेल्‍ड टू मैच्‍योरिटी (एचटीएम) पोर्टफोलियो से सिक्‍यूरिटीज की प्रत्‍यक्ष बिक्री पर जारी निर्देशों की अनदेखी करने के कारण लगाया है। यही नहीं आईसीआईसीआई बैंक ने इस संबंध में आवश्‍यक खुलासा भी नहीं किया था।

आरबीआई के मुताबिक बैंकिंग रेगूलेशन अधिनियम 1949 नियमों के तहत यह जुर्माना लगाया गया है। यह जुर्माना आरबीआई द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का उचित पालन न करने के कारण लगाया गया है।

वीडियोकॉन पर आईसीआईसीआई की मेहरबानी 

इंग्लिश अख़बार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक दिसंबर 2008 में वीडियोकॉन समूह के प्रमुख वेणुगोपाल धूत ने आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ चंदा कोचर के पति दीपक कोचर और उनके दो अन्य के साथ मिलकर एक कंपनी शुरू की थी। कंपनी ने कुछ समाय बाद आईसीआईसीआई बैंक से 64 करोड़ रुपये का लोन लिया। बाद में सिर्फ नौ लाख रुपये में कंपनी दीपक कोचर के ट्रस्ट को दी गई। 

कर्ज हुआ एनपीए 

यही नहीं, कंपनी देने के छह महीने पहले ही आईसीआईसीआई बैंक ने 3250 करोड़ का लोन वीडियोकॉन ग्रुप को दिया था। ऐसे में लोन मिलने के बाद वीडियोकॉन ग्रुप के मालिक की ओर से बैंक की सीईओ के पति को कंपनी का मालिकाना हक देने पर सवाल उठ रहे हैं। आरोप लग रहे हैं कि इससे लोन के बदले में बैंक की सीईओ के पति पर लाभ दिया गया। इसके अलावा 2017 में जब वीडियोकॉन पर 2810 करोड़ रुपये का कर्ज था, तब बैंक ने इसे एनपीए की लिस्ट में दाल दिया। 

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