क्या लक्ष्मी विलास बैंक (lakshmi vilas bank) भला PNB बनने की राह पर है? ऐसा सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि लक्ष्मी विलास बैंक इस समय संकट में है और बैंक ने ग्राहकों के लिए पैसे निकालने की तय राशि निर्धारित कर दी है।
बताया जा रहा है कि, बैंक को दिल खोल कर कर्ज (loan) बांटना भारी पड़ गया। कर्ज बांटने में बरती गई यह लापरवाही बैंक को इस कदर भारी पड़ी की बैंक के कामकाज पर 30 दिनों के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया। केंद्र सरकार (Central government) ने रिजर्व बैंक (Reserve bank of india) के प्रस्ताव के बाद यह कार्रवाई की है। इस कार्रवाई के परिणामस्वरूप, लक्ष्मी विलास बैंक खाताधारक एक महीने में नकद के रूप में अब केवल 25,000 रुपये ही निकाल सकेंगे।
The Lakshmi Vilas Bank Ltd. placed under Moratoriumhttps://t.co/wW8DaBygJX
— ReserveBankOfIndia (@RBI) November 17, 2020
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लक्ष्मी विलास बैंक को पिछले तीन वर्षों में भारी नुकसान हुआ है। बैंक का NPA तेजी से बढ़ा है। इसीलिए लक्ष्मी विलास बैंक पर प्रतिबंध लगाया गया है। ये प्रतिबंध 16 दिसंबर तक लागू रहेंगे। रिजर्व बैंक ने लक्ष्मी विलास बैंक के निदेशक मंडल को बर्खास्त कर दिया है और एक प्रशासक नियुक्त कर दिया है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कहा कि, पिछले कुछ महीनों में लक्ष्मी विलास बैंक से एक बड़ी राशि निकाली गई है। इसके अलावा, बैंक पर्याप्त पूंजी जुटाने में विफल रहा है। नतीजतन, बैंक की वित्तीय स्थिति खराब हो गई है।
आरबीआई ने आगे कहा कि, लक्ष्मी विलास बैंक पर मंगलवार शाम 6 बजे से अगले महीने तक मोराटोरियम (Moratorium) लागू कर दिया गया है।
इससे पहले RBI को पंजाब महाराष्ट्र बैंक (PNB) और यस बैंक (yes bank) पर भी वित्तीय लेनदेन में अनियमितिताओं के कारण प्रतिबंध लगाना पड़ा था।