एसटी निगम ने निलंबित कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक आवेदन प्रक्रिया के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की है। इसलिए आने वाले नए साल में विलय की मांग को लेकर पिछले 70 दिनों की हड़ताल में करीब 10,000 निलंबित एसटी कर्मचारियों (ST BUS STRIKE) के ऊपर तलवार लटकेगी।
बाद में ट्रांसफर किए जाने वाले कर्मचारियों के खिलाफ एसटी प्रशासन की ओर से स्थानीय जिला श्रम न्यायालय में कैविएट दाखिल किया जा रहा है। एसटी प्रशासन ने इस बात का पूरा ध्यान रखा है कि संबंधित कर्मचारियों को कोर्ट से स्टे न मिले। कर्मचारी तब वरिष्ठ एसटी अधिकारियों से या श्रम न्यायालय में 90 दिनों के भीतर निवारण की मांग कर सकता है।
हड़ताल के कारण कर्मचारियों को पिछले दो माह से वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। आपके खिलाफ सभी कार्रवाई 5 जनवरी को की जाएगी। कर्मचारियों में यह भ्रांति फैलाई जा रही है कि रद्द करने का फैसला हाईकोर्ट करेगा।
याचिका, जो वर्तमान में उच्च न्यायालय में लंबित है, को भी एसटी निगम द्वारा दायर किया गया है और आम जनता को याचिका में हड़ताल का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। इस संबंध में निर्णय लेने की मांग की गई है। कर्मचारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के संबंध में माननीय द्वारा व्यक्तिगत रूप में एक नई याचिका दायर की गई है। मामले को उच्च न्यायालय में उठाया जाना है और त्वरित निर्णय तक पहुंचना मुश्किल है क्योंकि यह महंगा और समय लेने वाला है।
कोर्ट से संपर्क एसटी कर्मचारियों द्वारा भर्ती परीक्षा रद्द करने पर पुनर्विचार करने और खराब गए कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगाने को भी कहा गया। लेकिन कोर्ट ने संपर्क कर्मियों को कोई राहत नहीं दी। ऐसे में तय है कि आने वाले समय में इन कर्मचारियों की मुश्किलें और बढ़ेंगी।
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