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मेट्रो लाइन 9 के लिए काटे जाएंगे 12 हजार पेड़

राज्य सरकार के सूत्रों के अनुसार, मेट्रो परियोजनाओं पर ईआईए पर्यावरण प्रभाव आकलन 2006 लागू नहीं होता।

मेट्रो लाइन 9 के लिए काटे जाएंगे 12 हजार पेड़
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मुंबई में मेट्रो लाइन 9 के निर्माण कार्य ने एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। भयंदर में मेट्रो 9 के लिए डिपो बनाने हेतु हज़ारों पेड़ काटे जाएँगे। गौरतलब है कि एमएमआरडीए पर आरोप है कि उसने इस कार्य के लिए कोई पर्यावरण सर्वेक्षण नहीं कराया है।

सूचना के अधिकार के तहत मांगी जानकारी

आरटीआई कार्यकर्ता गॉडफ्रे पिमेंटा ने सूचना के अधिकार के तहत यह जानकारी मांगी थी। मेट्रो लाइन 9 के विस्तारित हिस्से के लिए डोंगरी में एक नया डिपो बनाया जाना है। आरटीआई में पता चला है कि एमएमआरडीए ने इसके लिए कोई ईआईए रिपोर्ट या पर्यावरणीय प्रभाव आकलन प्रस्तुत नहीं किया है।

पिमेंटा ने कहा कि मेट्रो और रेलवे के कार्यों के लिए कानून के अनुसार पर्यावरणीय अनुमति की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन एमएमआरडीए जैसी संस्थाओं के लिए ईआईए या पर्यावरणीय प्रभाव आकलन करना आवश्यक है। ईआईए करने से यह समझा जा सकता है कि इसका पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ेगा और उसके समाधान निकाले जा सकते हैं।

पहाड़ियों  जैसा अध्ययन

2017 में, एमएमआरडीए ने मेट्रो लाइन 7 के लिए पर्यावरणीय आकलन किया था। यह पर्यावरणीय आकलन दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा किया गया था। इसमें वायु, जल, ध्वनि, भूमि और जैव विविधता पर अध्ययन शामिल थे। पिमेंटा के अनुसार, पहाड़ियों के लिए भी ऐसा ही अध्ययन किया जाना चाहिए था।

राज्य सरकार के सूत्रों के अनुसार, ईआईए पर्यावरण प्रभाव आकलन 2006 मेट्रो कार्यों पर लागू नहीं होता है। लेकिन पर्यावरणविदों का कहना है कि इस नियम में बदलाव की आवश्यकता है।एनजीओ 'वनशक्ति' के स्टालिन डी ने कहा, यह बहुत गलत है। डिपो के लिए पहले से ही खाली जमीन उपलब्ध थी।

12 हज़ार पेड़ काटे जाएंगे

उस जमीन पर कोई पेड़ नहीं थे और वह सार्वजनिक कार्यों के लिए उपयुक्त थी। सरकार ने वह जमीन निजी डेवलपर्स को दे दी और अब वे पहाड़ियों पर घने जंगलों को काटकर वहाँ डिपो बना रहे हैं।स्टालिन के अनुसार, लगभग 12 हज़ार पेड़ काटे जा रहे हैं। इनमें से 900 आम के पेड़ हैं। आरे में 4 हज़ार पेड़ों की कटाई को लेकर काफी हंगामा हुआ था। लेकिन कोई भी इन पेड़ों की कटाई के बारे में बात नहीं कर रहा है, उन्होंने कहा।

स्टालिन ने आगे कहा कि सरकार ने तटीय विनियमन क्षेत्र और पर्यावरणीय मंज़ूरी मिलने से पहले ही पेड़ों की कटाई शुरू कर दी है। इससे एक बात साफ़ हो जाती है: बिल्डरों को अच्छी ज़मीन देना और सार्वजनिक निर्माण कार्यों को जंगल में धकेलना।

पर्यावरण नियमों का पालन करने की अपील

पर्यावरण नियमों का पालन होना चाहिए। एमएमआरडीए को इस मामले पर ज़्यादा ध्यान देने की ज़रूरत है। अब देखना यह है कि सरकार इस मामले में क्या फ़ैसला लेती है। इसके अलावा, आम नागरिकों में भी इसे लेकर नाराज़गी जताई जा रही है।

मेट्रो लाइन 9, लाइन 7 का हिस्सा है। मेट्रो लाइन 9 अंधेरी को छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे और दहिसर को मीरा-भायंदर से जोड़ती है। इस लाइन की लंबाई 13.58 किलोमीटर है।इसमें से 11.39 किलोमीटर एलिवेटेड और 2.19 किलोमीटर अंडरग्राउंड है। इस लाइन पर 10 स्टेशन होंगे।

इस लाइन के चालू होने के बाद, यह वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे, वेस्टर्न रेलवे, मेट्रो लाइन 2ए (दहिसर-डी. एन. नगर) और मेट्रो लाइन 7 (अंधेरी-दहिसर) से जुड़ जाएगी। एमएमआरडी का दावा है कि इस लाइन से यात्रा का समय 50 से 75 प्रतिशत तक कम हो जाएगा।

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