भारत से लंदन जा रहा एक विमान उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में 265 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में विमान के पायलट कैप्टन सुमित सभरवाल और 12 क्रू मेंबर शामिल हैं। 60 वर्षीय कैप्टन सुमित सभरवाल जल्द ही रिटायर होने वाले थे। इसके बाद वह अपने 90 वर्षीय पिता के साथ ज्यादा से ज्यादा वक्त बिताना चाहते थे। (Ahmedabad plane crash Captain Sumit Sabharwal wanted to spend time with his 90 year old father after retirement)
लेकिन इस हादसे के बाद उनकी यह इच्छा कभी पूरी नहीं हो पाएगी। इसके अलावा एयर इंडिया बोइंग 787 ड्रीमलाइनर (AI171) में कई अन्य क्रू मेंबर भी सवार थे। इसमें पनवेल की एक युवा फ्लाइट अटेंडेंट भी थी, जो अपने गांव की कई लड़कियों के लिए प्रेरणा बन गई। आइए जानते हैं इस विमान के उन क्रू मेंबर्स की निजी जिंदगी के बारे में जिन्होंने इस हादसे में अपनी जान गंवा दी।
पवई मे रहते थे सुमित सभरवाल
कैप्टन सुमित सभरवाल एयर इंडिया के बोइंग 787 ड्रीमलाइनर (AI171) को उड़ा रहे थे। अनुभवी पायलट सुमित अपने 90 वर्षीय पिता के साथ पवई के जलवायु विहार में रहते थे। पड़ोसियों के मुताबिक वह जल्द ही रिटायर होने वाले थे। इसके बाद उन्होंने अपने बुजुर्ग पिता के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की योजना बनाई। जलवायु विहार में उनके एक पड़ोसी ने बताया कि वे बेहद शांत और अनुशासित व्यक्ति थे। हम अक्सर उन्हें वर्दी में आते-जाते देखते थे। कैप्टन सभरवाल की बड़ी बहन दिल्ली में रहती हैं।
जुहू के कोलीवाड़ा की सनिता चक्रवर्ती भी थी क्रू मेंबर्स
विमान दुर्घटना में जान गंवाने वाले क्रू मेंबर्स में सनिता चक्रवर्ती भी शामिल थीं। वह जुहू के कोलीवाड़ा की रहने वाली थीं। पड़ोसी उन्हें प्यार से सनिता पिंकी बुलाते थे। गो एयर में काम करने के बाद हाल ही में वह एयर इंडिया में शामिल हुई थीं। सनिता की बचपन की दोस्त निक्की डिसूजा ने बताया कि हम साथ-साथ बड़े हुए हैं। सनिता ने मानेकजी कूपर स्कूल और मीठीबाई कॉलेज में पढ़ाई की है। यहां से शिफ्ट होने के बाद भी मैं अक्सर उनसे मिलकर उन्हें वर्दी में देखती थी। निक्की ने बताया कि उन्होंने यहां तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत की है। यह दुर्घटना बहुत दर्दनाक है।
मैथिली मोरेश्वर पाटिल गांव की प्रेरणास्रोत
फ्लाइट अटेंडेंट मैथिली महज 24 साल की थीं। वह पनवेल के नहवा गांव की रहने वाली थीं। विमान दुर्घटना की खबर मिलते ही गांव के लोग उनके घर पर जमा हो गए। मैथिली ने एविएशन सेक्टर में नौकरी पाने के लिए कड़ी मेहनत की। टीएस रहमान विद्यालय में 12वीं तक पढ़ाई करने के बाद मैथिली ने एविएशन कोर्स में दाखिला ले लिया। परिवार आर्थिक तंगी में था, लेकिन मैथिली को पूरा सहयोग मिला। एयर इंडिया में नौकरी मिलने के बाद मैथिली नहवा गांव ही नहीं बल्कि पूरे इलाके के लिए प्रेरणास्रोत बन गई। एक पड़ोसी ने कहा कि हमें उस पर गर्व है। हम उसकी सफलता से बेहद खुश हैं।
एयर होस्टेस बनना सपना था रोशनी का
27 वर्षीय रोशनी डोंबिवली इलाके के माधवी बंगला इलाके की रहने वाली थी। वह यहां अपने पिता और भाई के साथ रहती थी। एक रिश्तेदार के मुताबिक रोशनी का सपना एयर होस्टेस बनने का था। इसके लिए उसने हाल ही में एयर इंडिया जॉइन किया था। रोशनी के एक रिश्तेदार ने बताया कि वह होशियार और समझदार लड़की थी। पढ़ाई पूरी करने के बाद उसने वह हासिल किया जो वह चाहती थी। उसकी एयर इंडिया की वर्दी उसके पड़ोसियों के लिए गर्व की बात थी। रोशनी इंस्टाग्राम पर भी काफी एक्टिव रहती थी, जहां उसके 54 हजार फॉलोअर्स हैं।
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