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पालघर में तीन महीनों में कई बार भूकंप के झटके, एक बच्ची की मौत, लोगों के दहशत

दहाणु के एक गांव में दो साल की बच्ची वैभवी के सिर में गंभीर चोट लगने से उसकी मौत हो गई। हर दिन आने वाले इस भूकंप को लेकर नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के वैज्ञानिक भी हैरान और परेशान हैं।

पालघर में तीन महीनों में कई बार भूकंप के झटके, एक बच्ची की मौत, लोगों के दहशत
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मुंबई से सटे पालघर जिले के कुछ हिस्सों में इस समय दहशत का माहौल छाया हुआ है, इसका कारण है यहां पिछले तीन महीने से आने वाले भूकंप के झटके। अब तक यहां 10 से अधिक बार हल्के भूकंप के झटके आ चुके हैं। यही नहीं शुक्रवार को भी यहां भूकंप के तीन झटके महसूस किए गए, रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 3 से 4.1 के बीच दर्ज की गई। ये झटके दहाणु और तलसारी में महसूस किए गए। इस दौरान दहाणु के एक गांव में दो साल की बच्ची वैभवी के सिर में गंभीर चोट लगने से उसकी मौत हो गई। हर दिन आने वाले इस भूकंप को लेकर नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के वैज्ञानिक भी हैरान और परेशान हैं।

वैसे तो यह भूकंप के झटके पिछले तीन महीने से आ रहे हैं लेकिन ये झटके हल्के होते थे। यानी इनकी तीव्रता 3 से अधिक से अधिक 3.5 ही होती थी। लेकिन शुक्रवार को जो भूकंप के झटके आये उसकी तीव्रता 4 से अधिक मापी गयी। इस भूकंप की तीव्रता 4.1 दर्ज की गयी।

इन भूकंपों से स्थानीय लोगों के डर का माहौल छाया हुआ है। लोग इस ठंडी में अपने पक्के मकान छोड़ कर खुले  में रात बिताने को मजबूर हैं। यही नहीं स्कूल भी बच्चों को खुले में पढ़ाया जा रहा है। शुक्रवार को जो भूकंप के झटके आये उससे एक बच्ची की मौत भी हो गयी।

एनसीएस के वैज्ञानिक भी इन आते हुए भूकंप को लेकर हैरान हैं। कई इलाके में एनडीआरएफ की टीमें तैनात की गई है।एनसीएस के एक अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को भूकंप के बाद कम तीव्रता के कई आफ्टर शॉक  महसूस किए गए। इसके बाद एनसीएस ने वेदांता अस्पताल में एक अस्थायी फील्ड स्टेशन स्थापित किया है। इसके साथ ही पालघर के डोंगरीपाड़ा और तलसारी में भी अस्थायी फील्ड स्टेशन स्थापित किए गए हैं।

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