बोरीवली के संजय गांधी नेशनल पार्क में 'आनंद' बाघ की गुरुवार को सुबह करीब 5 बजे मौत हो गई। आनंद 3 महीने से कैंसर और किडनी की बीमारी से पीड़ित था। तीन महीने से बीमारी से जूझ रहे आनंद ने आखिरकार गुरुवार को दम तोड़ दिया। सुबह अंतिम संस्कार किया गया। आनंद रॉयल बंगाल टाइगर प्रजाति का बाघ है।
आनंद का जन्म 2010 में पार्क में हुआ था। उनका जन्म बाघों की जोड़ी 'बसंती' और 'पलाश' नेे पार्क मेंं किया था आनंद कर्मचारियों के साथ-साथ पर्यटकों के प्रिय थे। आक्रामक नहीं रहने वाले आनंद के जाने से पार्क में बाघों की संख्या में भी कमी आई है।
आनंद 3 महीने से बीमार थे। किडनी की बीमारी के साथ मांसपेशियों के कैंसर से हैप्पीनेस ग्रस्त था। पिछले हफ्ते से उनकी हालत बिगड़ रही है। इससे जुड़ा कैंसर एक दुर्लभ प्रकार था। उपचार के लिए पार्क के पशु चिकित्सा अधिकारी, डॉ शैलेश पेठे और उनकी टीम ने कोशिश की।
मुंबई के पशु चिकित्सा कॉलेज के विशेषज्ञों, प्रोफेसरों और अन्य पशु चिकित्सा अधिकारियों को भी आनंद के लिए उचित उपचार सुनिश्चित करने के लिए सहायता प्रदान की गई। कोरोना की बढ़ती घटनाओं के बावजूद, आनंद के उपचार में कोई विराम नहीं था। लेकिन, आखिर में उसकी मौत हो गई।