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बूस्टर डोज देना नैतिक मूल्यों के खिलाफ, स्वास्थ्यकर्मियों को बूस्टर डोज दिए जाने पर चहल का जवाब

कमिश्नर इकबाल सिंह चहल ने कहा कि कर्मचारियों को बूस्टर डोज के रुप में तीसरी खुराक देना अनैतिक और अन्यायपूर्ण होगा क्योंकि अभी तक किसी को भी तीसरी खुराक नहीं दी गई है।

बूस्टर डोज देना नैतिक मूल्यों के खिलाफ, स्वास्थ्यकर्मियों को बूस्टर डोज दिए जाने पर चहल का जवाब
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स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में काम करने वाले कमर्चारियों को वैक्सीन की तीसरी डोज (third dose of vaccine) लगाने के मुद्दे पर बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) के कमिश्नर इकबाल सिंह चहल (iqbal singh chahal) ने कहा कि कर्मचारियों को बूस्टर डोज के रुप में तीसरी खुराक देना उन लोगों के साथ अनैतिक और अन्यायपूर्ण होगा जिन्हें कोरोना वैक्सीन (corona vaccine) की अभी पहली डोज भी नहीं मिली है।

बता दें कि मुंबई के केईएम अस्पताल (kem hospital) के एमबीबीएस छात्रों को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगाने के बाद भी कई छात्रों की कोरोना (covid19) रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, जिसके बाद उन्हें बूस्टर के रूप में वैक्सीन (booster dose of vaccine) की तीसरी डोज दिए जाए या नहीं, इस विषय को लेकर एक तरह से बहस छिड़ गई थी।

कमिश्नर ने आगे कहा कि, 31 संक्रमितों में से केवल एक को टीका नहीं लगाया गया था क्योंकि उसकी उम्र 18 वर्ष से कम थी।

यह कहते हुए चहल ने आगे कहा कि, यह वैक्सीन की शक्ति इस विचार से बात नहीं करता है कि उन्हें बूस्टर शॉट नहीं मिला है।

उन्होंने दावा किया कि चूंकि अधिकांश छात्र स्पर्शोन्मुख यानी असेम्पटमैटिक थे, यह केवल जांच उद्देश्यों के लिए था कि उन्हें टीकों की अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

गौरतलब है कि केईएम से जुड़े जीएस सेठ मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस द्वितीय वर्ष के दो छात्रों में सिम्पटमैटिक लक्षण थे और 27 सितंबर को इनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इन छात्रों के संपर्कों का परीक्षण किया गया था। केईएम अस्पताल के डीन डॉ हेमंत देशमुख ने कहा कि लगभग 900 छात्रों का परीक्षण किया गया है, जिनमें से 31 सकारात्मक आए।

पढ़ें: दुनिया में कहीं भी कोरोना वैक्सीन के बूस्टर डोज की जरूरत नहीं: WHO

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