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उम्र नहीं हौसलों से पास की जाती हैं परीक्षाएं!


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कोई भी लक्ष्य मनुष्य के साहस से बड़ा नहीं होता, हारा वही जो लड़ा ही नहीं। इसे सच करके दिखाया है बीएमसी के 23 कर्मचारियों ने। बीएमसी के 23 कर्मचारियों ने 10वीं की परीक्षा पास की है। इन कर्मचारियों का काम मुंबई की गलियों की साफ सफाई, रोड पर डामर डालना आदि है। इतना मेहनत का काम करने के बाद भी इन्होंने पढ़ाई के लिए वक्त निकाला।

इन कर्मचारियों की उम्र 55 साल से भी ऊपर है। पर इनके इरादे घटती उम्र के साथ कमजोर नहीं पड़े। बल्कि इनके इरादों ने एक नई उड़ान भरी। आज जहां ये अपनी इस सफलता से खुश हैं। वहीं इनकी वजह से कई और कर्मचारियों का हौसला बढ़ा है। अब वे भी इनकी तरह पढ़ाई करना चाहते हैं।

बढ़ती उम्र के साथ लोगों की पढ़ाई-लिखाई के प्रति दिलचस्पी कम होती जाती है। उन्हें सोचने में वक्त लगता है और इस सबसे ये कर्मचारी गुजरे हैं। पर इन्होंने हार नहीं मानी, डटकर खड़े रहे। और इनके साहस को बल देने का काम किया है बीएमसी के अफसर और इनके परिवार ने।

एक कहावत है जब जागो तभी सवेरा, अगर किसी वजह से आप 10वीं, 12वीं की परिक्षाएं पास नहीं कर सकें हैं या आपके आस पास ऐसे लोग हैं और उनकी उम्र ढल रही है तो बिना देरी किए, उन्हें पढ़ाई के लिए प्रेरित करें।

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