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कैसा वकील चाहिए बीएमसी को? 470 अर्जियों में से एक का ही सेलेक्शन

कई सालों से रिक्त पड़े कानून अधिकारी पद के लिए जब अर्जियों मंगाई गयीं तो 470 अर्जियों में से मात्र एक अर्जी ही सेलेक्ट हो पाई। मतलब बीएमसी की नजर में योग्यता का की पैमाना है यह बीएमसी ही जाने।

कैसा वकील चाहिए बीएमसी को? 470 अर्जियों में से एक का ही सेलेक्शन
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देश की सबसे बड़ी म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन मुंबई की म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (BMC) को माना जाता है। बीएमसी के संदर्भ में एक चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि बीएमसी को ढूंढने से एक वकील तक नही मिल रहा है। कई सालों से रिक्त पड़े कानून अधिकारी पद के लिए जब अर्जियों मंगाई गयीं तो 470 अर्जियों में से मात्र एक अर्जी ही सेलेक्ट हो पाई। मतलब बीएमसी की नजर में योग्यता का की पैमाना है यह बीएमसी ही जाने।


बढ़ते जा रहे हैं पेंडिंग केसेज 

एनसीपी की महिला नगरसेवक डॉ. सईदा खान ने महसभा में चर्चा के दौरान यह मुद्दा उठाया कि बीएमसी के विधि विभाग में कामकाज देखने के लिए वकील काफी कम हैं। कई सारे पद रिक्त है और इन्हे तत्काल भरे जाने की आवश्यकता है। उन्होंने आगे बताया कि पिछले साल विभाग के लगभग 60 हजार केसेज पेंडिंग पड़े थे लेकिन इस बार यह संख्या बढ़ कर 70 हजार तक पहुंच गयी है।
सईदा ने कहा कि बीएमसी के कामकाज को पेपरलेस करने और डिजिटल होने की बात कही जाती है लेकिन इस तरह के कोई कदम नहीं उठाये जा रहे हैं।

श्वेत पत्र हो जारी 

सईदा ने जानकारी देते हुए बताया कि इस समय बीएमसी में 69 कानून अधिकारी कार्यरत हैं। औसतन एक अधिकारी के ऊपर एक हजार से अधिक केसेज आते हैं। काम के बोझ के मारे ये अधिकारी पेंडिंग पड़े केसेज को सुलझाते सुलझाते इनकी उम्र बीत जाएगी। इसीलिए मेरी मांग है कि इस बारे में तुरंत एक श्वेत पत्र जारी किया जाये। साथ ही कमिश्नर को इस बारे में माननीय जज महोदय को पत्र लिख कर अलग से एक विशेष कोर्ट की स्थापना करने की मांग की जाये ताकि इन मामलों का निपटारा जल्द से जल्द हो सके।

470 अर्जियों में से एक ही सलेक्ट 

बीएमसी प्रशासन की तरफ से अतिरिक्त आयुक्त आबासाहेब जंहाड ने बीएमसी के विधि विभाग में सुधार लाने के लिए रिक्त पदों को भरने के लिए अब तक दो बार वैकेंसी जारी की थी। पहली बार में 15 सहायक कानून अधिकारियों की नियुक्ति हुई थी। इसके बाद कानून अधिकारी पद के लिए मंगाए गए अर्जियों में कुल 470 अर्जियां आई थीं, लेकिन उन अर्जियों में से मात्र एक अभ्यर्थी का ही सेलेक्शन किया गया। इसके अलावा सीनियर और ज़ूनियर कानून अधिकारी पद के लिए भी अर्जियां मंगाई गयीं थीं जिसमें जूनियर पद के लिए 225 लोगों का चुना गया है, बावजूद इसके 70 हजार मामले अभी भी पेंडिंग पड़े हैं।


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