
बीएमसी ने अपने कर्मचारियों के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य कर दी है, जिसके कारण अब लेट और अपने दफ्तर ना आनेवाले कर्मचारियों का सैलरी काटी जा रही है। दरअसल बिना बताए अपनी ड्युटी पर ना आना या फिर अपने समय से देरी से आने पर बायोमेट्रिक अटेंडेस के अनुसार कर्मचारियों की सैलरी काटी जा रही है, लेकिन ताजुब्ब की बात ये है की एक या दो बीएमसी कर्मचारियों की नहीं बल्की 37 हजार कर्मचारियों की वेतन में कटौती की गई है।
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बीएमसी ने जुलाई 2017 से बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य कर दिया है। इसलिए, बॉयोमीट्रिक उपस्थिति के लिए, मुंबई के विभिन्न कार्यालयों में 3900 मशीनें स्थापित की गई हैं। सामान्य प्रशासन विभाग ने 31 अक्टूबर को परिपत्र जारी किया था और उन्हें बायोमेट्रिक सिस्टम की उपस्थिति के अनुसार मासिक वेतन का भुगतान करने का निर्देश दिया था। तदनुसार, यह सभी विभागों में शामिल किया गया था जिसमें छुट्टी, काम से बाहर जाना, देर से आगमन और भुगतान रोक दिया गया था। हालांकि, कर्मचारियों को देखते हुए इसे द्वारा 31 दिसंबर, 2017 तक लागू नहीं किया गया था।
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बीएमसी ने 1 लाख कर्मचारी कार्य करते है जिनसे में 37,000 कर्मचारियों के वेतन काट लिये गए है। इन कर्मचारियों ने समय से पहले कार्यालय छोड़ना, आधे दिन की छुट्टी, लेट आना और अपने काम के घंटे को दर्ज नहीं किया है जिसके कारण इनकी पगार काटी गई है। हालांकी अग इन कर्मचारियों की कटी हुई सैलरी का क्या करना है वह वरिष्ठ बीएमसी अधिकारियों से चर्चा करने के बाद तय किया जाएगा।
