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बीएमसी की 2100 प्रॉपर्टी, खुद बीएमसी की नहीं


बीएमसी की 2100 प्रॉपर्टी, खुद बीएमसी की नहीं
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बीएमसी द्वारा आरक्षित जमीन के मामले में एक खुलासा हुआ है कि ऐसी लगभग 2100 प्रॉपर्टी हैं जो बीएमसी की होते हुए भी उन पर या तो बीएमसी का कोई कब्जा नहीं है या फिर कागजों पर बीएमसी के नाम से नहीं हैं। इस बात का खुलासा खुद कमिश्नर (सुधार) ने मंगलवार को सुधार समिति की बैठक में किया। इसके बाद जल्द से जल्द इन प्रॉपर्टियों पर कब्जा करने या फिर इन्हें नाम से करने का आदेश सुधार समिति के अध्यक्ष दिलीप लांडे ने दिया। आपको बता दें कि जोगेश्वरी में बीएमसी की लापरवाही के कारण जमीन का एक भूखंड बीएमसी के हाथ से निकल गया जिसके बाद से बीएमसी जमीनों को लेकर काफी सतर्क हो गयी है।

राजूल पटेल ने उठाया मुद्दा 
मंगलवार को हुई बैठक में वॉर्ड नंबर 61 की शिवसेना की महिला नगरसेवक राजूल पटेल ने आनंद नगर में स्थित सर्वे नं. एक के प्लाट के बाबत सुधार समिति में जानकारी देते हुए कहा कि यह प्लाट 1986-87 से बीएमसी के कब्जे में नहीं है जिससे यही तक यह बीएमसी के नाम पर नहीं हो पाया है। इस कारण 3-4 बिल्डरों ने आकर यहां कहा कि म्हाडा एनओसी नहीं दे रही है इसीलिए डेवलपर का काम नहीं हो पा रहा है।इसके बाद शिवसेना के ही अनंत(बाला)नर ने सहमति जताते हुए कहा कि मुंबई में अनेक ऐसे बीएमसी के भूखंड हैं जिन पर अवैध कब्जे है।


'बीएमसी को कब्जे में किसका डर'
शिवसेना के ही राजू पेंडणेकर और रामकांत रहाटे ने भी कहा कि मुंबई के अनेक जगहों पर कब्ज़ा लेने में आखिर बीएमसी क्यों डर रही है। इस विषय पर कमिश्नर के साथ बैठक करके कोई न कोई रास्ता निकालना चाहिए। इस बात का सभी पार्टियों ने समर्थन भी किया।

उपायुक्त (सुधार) चंद्रशेखर चोरे ने बताया कि ऐसी 2100 भूखंड चिन्हित किये गए हैं जिन्हें बीएमसी के नाम पर किये जा रहे हैं। इनमें से 400 जमीनों की मंजूरी मिल गयी है। चोरे ने आगे कहा कि इस बाबत हर तीसरे महीने जिलाधिकारी के साथ बैठक की जाएगी।

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