बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए बीएमसी ने बंद किये गए बीएमसी स्कूलों की इमारतों को निजी सहायता प्राप्त स्कूलों को देने से मना कर दिया है। लगभग 14 निजी सहायता प्राप्त मराठी भाषा के स्कूलों ने बीएमसी से अनुरोध किया था कि वे बंद किये गए स्कूलों के परिसर को किराये पर लेना चाहते है ,क्योकी उनकी इमारते अब जर्जर होने की अवस्था में है।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने दिया था आदेश
पिछले पांच वर्षों में, 100 से अधिक बीएमसी स्कूलों को छात्र संख्या घटने के कारण बंद कर दिया गया है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने आदेश दिया है की बीएमसी के किसी भी स्कूल के परिसर को किराये पर नहीं दिया जा सकता है । हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद बीएमसी ने निजी सहायता प्राप्त सभी स्कूलों के आवेदनों को अस्विकार कर दिया है।
बीएमसी ने स्कूलों के कुछ कमरों को गैर-सरकारी संगठनों और राजनीतिक संगठनों को शैक्षिक उद्देश्यों के लिए दिया था। लेकिन उन्होंने उन्हें कार्यालयों के रूप में और गैर-शैक्षणिक गतिविधियों के लिए उपयोग करना शुरू कर दिया। इन अनियमितताओं के कारण, किसी ने अदालत में याचिका दायर की। जिसके बाद हाईकोर्ट ने ये फैसला दिया।
बीएमसी के आंकड़ों के अनुसार शहर भर में 1,300 से अधिक बीएमसी स्कूल हैं।
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