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सिलाई मशीन और घरघंटी देने की जगह सीधा महिलाओं के उटाउंट में पैसे डालने पर स्थाई समिती का विरोध


सिलाई मशीन और घरघंटी देने की जगह सीधा महिलाओं के उटाउंट में पैसे डालने पर स्थाई समिती का विरोध
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जेंडर बजेट के अंतर्गत बीएमसी की ओर से गरीब और जरूरतमंद महिलाओं को सिलाई मशीन और घरघंटी मुफ्त में दी जाती है, लेकिन अब बीएमसी की ओर से ऐसे महिलाओं के अकाउंट में सीधे पैसे भेजने के प्रस्ताव को स्थायी ,समिति ने नामंजूर कर दिया है, जिसके कारण अब यह प्रस्ताव अधर में लटक गया है।


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गरीब और जरुरतमंद महिलाओं को सिलाई मशीन और घरघंटी देने के बजाय बीएमसी ने सीधा उनके अकाउंट में पैसे हस्तांतरण का एक प्रस्ताव बनाया था। 5 दिसंबर 2016 को सरकार के निर्देशों के मुताबिक, सरकारी योजनाओं द्वारा आपूर्ति की गई वस्तुओं को सीधे खरीदा नहीं जा सकता, बल्कि लाभार्थी इसे खुद खरिदते है। सरकार के इस आदेश का पालन करते हुए बीएमसी ने अब घरघंटी के 17 हजार रुपये और सिलाई मशीन के 10 हजार रुपये सीधा महिलाओं के खाते में भेजने का प्रस्ताव रखा है जिनका बैंक अकाउंट आधार से लिंक है।


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शिवसेना के राजूल पटेल ने इसका तीव्र विरोध किया है। राजूल पटेल का कहना है की बीएमसी के इस कदम से महिलाओं को कोई भी फायदा नहीं होगा, बीएमसी को महिलाओं को झेरॉक्स की मशीनें देनी चाहिए और उउन्होंने सुझाव दिया कि ऐसी स्थिति में वे मशीन दूसरे को बेचा नहीं जाना चाहिए या अन्य को किराए पर नहीं दिया जा सकता।

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