मुंबई में अवैध झोपड़ो को तोड़ने के लिए बीएमसी अब ड्रोन की भी सहायता लेगी। बीएमसी का कहना है की ड्रोन का इस्तेमाल करने से समय की बचत होगी और किसी भी तरह की अप्रिय घटना को टाला जा सकेगा। ड्रोन का इस्तेमाल कर कुछ दिनों पहले ही बीएमसी ने दहिसर मे अवैध झोपड़पट्टियों को तोड़ा था। पुलिस और बीएमसी कर्मचारी मौके की स्थिति को देखते हुए रणनीति आसानी से कम समय में बदल सकेंगे।
कैसे होगा काम
बीएमसी का कहना है की हर तोड़क कार्रवाई से पहले स्थानीय पुलिस अधिकारी को सूचित करते हैं और उनसे फोर्स की मांग करते हैं। वह पुलिस बल मुहैया भी कराते हैं। इसलिए फैसला किया है कि भविष्य में बड़ी तोड़क कार्रवाई या संशयित क्षेत्र में तोड़क कार्रवाई के समय पुलिस जवानों के साथ ड्रोन कैमरे के इस्तेमाल का भी निवेदन करेंगे। मुंबई में कई स्थानों पर तोड़क कार्रवाई के दौरान बीएमसी कमर्चारियों और पुलिस जवानों को भारी विरोध का सामना करना पड़ा था।
बीएमसी ने 15 जनवरी के बाद मुंबई में दहिसर में 10, विक्रोली में 25, भांडुप में 35, एलबीएस मार्ग पर 61, दहिसर में 95 और गोरेगांव के शास्त्रीनगर नाले को चौड़ा करने के लिए 2020 अवैध झोपड़ों के खिलाफ तोड़क कार्रवाई की है। दहिसर में तोड़क कार्रवाई के दौरान ड्रोन के जरिए लोगों पर नजर रखी जा रही थी।
दहिसर नदी के किनारे 738 फुट लंबी सुरक्षात्मक दीवार (boundary wall) बनाना सुनिश्चित हुआ है। इसमें से 377 फुट लंबी की दीवार बनाई जा चुकी है। हालांकि, नदी के लग कर संजयनगर और हनुमाननगर इलाके में जिन 95 झोपड़ों को ढहाया गया वहां अब 361 फुट लंबी दीवार बनेगी। इस तोड़क कार्रवाई का काफी विरोध होने की आशंका में बीएमसी ने ड्रोन कैमरे का उपयोग किया।