Advertisement

BMC की अनोखी पहल, आपातकालीन परिस्थितयों से निपटने के लिए मुंबईकरों को देगी प्रशिक्षण

इसका उद्देश्य यह भी है कि, BMC से प्रशिक्षण पाए नागरिक अपने क्षेत्र में कहीं भी और किसी भी समय आपदा की स्थिति आने पर अपने दम पर खुद की सुरक्षा तो करेंगे ही, साथ ही फायर कर्मियों की मदद करने में सक्षम होंगे।

BMC की अनोखी पहल, आपातकालीन परिस्थितयों से निपटने के लिए मुंबईकरों को देगी प्रशिक्षण
SHARES

विदेशों की तरह अब बृहनमुंबई महानगर पालिका (BMC) भी आम लोगों को आपातक़ालीन परिस्थियों (Emergency situation) में बचने के गुर सिखाएगी। BMC ने यह निर्णय कोरोना वायरस (Coronavrius) संक्रमण के कारण पैदा हुए आपातकालीन स्थितियों के मद्देनजर लिया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुंबई में आए दिन इमारतों के गिरने की, लिफ्ट हादसे की, वाहन दुर्घटनाओ की, समुद्र, नदी, नाले में डूबने की, गड्ढे में गिरने की, आग लगने की, गैस रिसाव की आदि खबरें आती रहती है। जिससे कई लोग असमय ही हादसों का शिकार हो जाते हैं। इसलिए अब BMC इस तरह के हादसे से निपटने और बचने के लिए मुंबईकरों को प्रशिक्षण देगी। बताया जा रहा है कि, इसकी शुरुआत 'डी' वार्ड से होगी। 

सूत्रों के मुताबिक परेल (parel) में 4 जनवरी सुबह 11 बजे से इस कार्यक्रम की शुरुआत होगी। जहां शिवसेना नगरसेवक अनिल कोकिल (Shiv Sena Corporator Anil Kokil) की पहल पर बीएमसी (BMC)के आपदा विभाग की मौजूदगी में परेल क्षेत्र के वार्ड नंबर 204 के नागरिकों के लिए 'फर्स्ट रिस्पॉन्स ट्रेनिंग प्रोग्राम' (First Response Training Program) का आयोजन किया जाएगा।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्धाटन ऑडिशनल कमिश्नर सुरेश काकानी (Additional Commissioner suresh kakani) करेंगे। इसका उद्देश्य यह भी है कि, BMC से प्रशिक्षण पाए नागरिक अपने क्षेत्र में कहीं भी और किसी भी समय आपदा की स्थिति आने पर अपने दम पर खुद की सुरक्षा तो करेंगे ही, साथ ही फायर कर्मियों की मदद करने में सक्षम होंगे। इसके अलावा घायल, गंभीर रूप से बीमार लोगों को तत्काल मदद मिलेगी और समय पर चिकित्सा उपचार भी मिलेगा। इस तरह के प्रशिक्षण से दुर्घटनाओं से होने वाले जानमाल के नुकसान का जोखिम कम करना है।

बीएमसी की तरफ से सभी वॉर्डों के नागरिकों को यह प्रशिक्षण दिया जाएगा। बीएमसी के अनुसार, यह प्रशिक्षण नागरिकों को वॉर्ड वाइज और कई चरणों में प्रदान किया जाएगा। प्रशिक्षित किए गए लोग युद्ध जन्य परिस्थिति में भी प्राप्त कौशल का उपयोग कर सकेंगे।

चूंकि अभी कोरोना (Covid19) काल चल रहा है, इसलिए प्रशिक्षण के समय कोरोना नियमों का उल्लंघन न हो इसके लिए एक साथ कम से कम 50 लोगों को ही यह 'आपातकालीन प्रशिक्षण' दिया जाएगा।

इसमें लोगों को हाथ धोने, मास्क का उपयोग करने और सामाजिक दूरी (social distance) के नियमों का पालन करने जैसे नियमो का पालन करना जरूरी होगा।

गौरतलब है कि, इससे पहले बीएमसी (BMC) ने अक्टूबर महीने में वीडियों कांफ्रेंसिंग के जरिए 900 लोगों को प्रशिक्षित किया था, लेकिन अब यह प्रशिक्षण फिजिकल कराया जाएगा

प्रशिक्षण है बड़े काम का

याद रहे, साल 2018 में 22 अगस्त को वर्ली (worli) में स्थित क्रिस्टल टावर (cristal tower) नामकी एक बहुमंजिला इमारत में भीषण आग लग गई थी। जिसमें कई लोग फंसे हुए थे। इसी बिल्डिंग में एक 11 साल की बच्ची भी फंसी हुई थी। चूंकि बच्ची को स्कूल में ऐसे आपदा के लिए बच कर निकलने का प्रशिक्षण दिया गया था, तो ज़ेन सदावर्ते (zen sadavarte) नामकी बच्ची ने न केवल अपनी जान बचाई, बल्कि उसने अपने माता-पिता और और अन्य कई लोगों की भी जान बचाई।

Read this story in English
संबंधित विषय
Advertisement
मुंबई लाइव की लेटेस्ट न्यूज़ को जानने के लिए अभी सब्सक्राइब करें