बारिश से पैदा होने वाली डेंगू, मलेरिया जैसी प्राणघातक बीमारियों को रोकने में बीएमसी जुट गई है। बीएमसी जगह जगह कीटकनाशकों की मुहिम चला रही है। इस मुहिम के अंतर्गत शहर के विभिन्न ठिकानों पर डेंगू को निमंत्रण देते हुए ‘एडिस एजिप्ती’ और मलेरिया के लिए ‘एनॉफिलीस स्टिफेन्सी’का छिड़काव किया जा रहा है। चार महीनों में लगभग 1 हजार 997 जगहों पर डेंगू और 577 जगहों पर मलरिया के प्रजनन स्थलों को धराशायी किया गया है। बीएमसी की काम की गति को देखकर लग रहा है कि इस बार डेंगू, मलेरिया हार मान जाएंगे।
बीएमसी के कीटकनाशक अधिकारी राजन नारिंग्रेकर ने कहा कि बीएमसी की यह मुहिम जनवरी से शुरु है, इस मुहिम के माध्यम से डेंगू व मलेरिया के लार्वा को खतम किया गया है।
1 जनवरी से 30 अप्रैल 2017 के दौरान 33 लाख 3 हजार 882 घरों की जांच की गई है। इनमें से जिन घरों में डेंगू और मलेरिया के लार्वा पाए गए उनपर कार्रवाई की गई है।
इन चार महीनों में 4 हजार 746 लोगों को नोटिसा दिया गया है। इस नोटिस में प्रमुख रूप से पानी की टंकी, निर्माण काम में लापरवाही जिससे लार्वा बना इसके लिए 14 लाख 34 हजार रुपए का दंड बीएमसी ने वसूला है। यह जानकारी नारिंग्रेकर ने दी है।
डेंगू के परजीवी की उत्पत्ती
डेंगू के परजीवी की उत्पत्ती फेंगशुई का पौधा, बांस का पैधा, मनीप्लांट में पानी ठहरने एसी, रेफ्रिजरेटर, डिफ्रॉस्ट ट्रे में पानी जमा होने से इसकी साफ सफाई ना होने से उत्पत्ती होती है।
मलेरिया के परजीवी की उत्पत्ती
मलेरिया के परजीवी की उत्पत्ती पानी की टंकी, कूलींग टॉवर, पीनी के हौद, इमारत निर्माण काम में सिंचाई किए जाने वाले पानी आदि से होती है।
जागरुकता ही बचाव
घर के आसपास पड़े टायर्स, नारियल के खोपड़े, थर्माकोल, पेपर, प्लास्टिक आदि में पानी रुकता है, जिससे मच्छर अंडे देते हैं और मलेरिया, डेंगू की उत्पत्ती होती है। इन पर लोगों को खास खयाल रखना चाहिए