राज्य सरकार द्वारा लागू किये गए प्लास्टिक बंदी के विरोध में प्लास्टिक उत्पादक और विक्रेताओं ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी, बुधवार को इस याचिका की सुनवाई हुई। सुनवाई करते हुए कोर्ट ने फटकार लगते हुए कहा कि, अगर प्लास्टिक बंदी से कोई शिकायत है तो पहले आप सरकार के पास जाइये, अगर समाधान नहीं निकलता है तब आप कोर्ट में आ सकते हैं। अब इस मामले में अगली सुनवाई 12 अप्रैल को होगी।
याचिका में क्या कहा गया था?
याचिका में कहा गया था कि पर्यावरण की रक्षा और प्रदुषण को रोकने के लिए प्लास्टिक बंदी का निर्णय लिया गया था। प्लास्टिक बंदी का यह निर्णय राज्य सरकार का नहीं बल्कि केंद्र सरकार का है। यह निर्णय लेते समय सरकार द्वारा सूचना आपत्तियां नहीं मंगाई गई थी। इस तरह से प्लास्टिक बंदी का निर्णय कानून के अनुरूप नहीं है।
कोर्ट ने क्या कहा?
बुधवार को सुनवाई में हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओ को कहा कि अगर प्लास्टिक बंदी को लेकर आपका विरोध है तो पहले आप राज्य सरकार के पास जाइये, अपनी समस्याओं को उनके सामने रखिये, अगर कोई समाधान नहीं निकलता है तो कोर्ट का दरवाजा आपके लिए खुला है।
कोर्ट रूम के बाहर हंगामा
बुधवार को कोर्ट के बाहर याचिकाकर्ताओं ने सरकार के प्लास्टिक बंदी के विरोध में काले कपड़े पहन कर सरकार का विरोध किया। सुनवाई से पहले ही कई प्लास्टिक विक्रेताओं और उत्पादको ने कोर्ट के बाहर हंगामा मचाया। यही नहीं कोर्ट के काम में बाधा भी डालने की कोशिश की, अंत में कोर्ट ने दखल देते हुए चेतावनी दी कि जब तक हंगामा शांत नहीं होगा तब तक सुनवाई नहीं होगी। इसके बाद हंगामा शांत होने के बाद कोर्ट ने सुनवाई शुरू की।