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पार्टियों में बिना अनुमति के नहीं बजा सकेंगे फिल्मी और गैर फिल्मी गाने

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि होटल, पब एवं रेस्तरां आदि में क्रिसमस और नए साल के अवसर पर काफी फ़िल्मी और गैर फ़िल्मी गाने बजाए जाते हैं, जिस पर कॉपी राइट के उल्लंघन का मामला बनता है।

पार्टियों में बिना अनुमति के नहीं बजा सकेंगे फिल्मी और गैर फिल्मी गाने
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बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने  क्रिसमस (Christmas) और नए साल (New Year) के लिए पार्टियों के आयोजन के बारे में कुछ नियमों और शर्तों को पूरा करने का आदेश दिया है। इस नियम के तहत क्रिसमस और नए साल के अवसर पर विभिन्न स्थानों पर आयोजित पार्टियों में कोई भी फ़िल्मी और गैर फ़िल्मी गाने नहीं बजाए जाएंगे क्योंकि इससे लाइसेंस और कॉपीराइट का उल्लंघन होता है, हां फोनोग्राफिक परफॉर्मन्स (Phonographic Performance Ltd) नामकी संस्था से अनुमति लेकर गाने जरुर बजाए जा सकते हैं। 

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि होटल, पब एवं रेस्तरां आदि में क्रिसमस और नए साल के अवसर पर काफी फ़िल्मी और गैर फ़िल्मी गाने बजाए जाते हैं, जिस पर कॉपी राइट के उल्लंघन का मामला बनता है। इसीलिए आयोजकों को गाने बजाने के लिए फोनोग्राफिक परफॉर्मन्स लिमिटेड (PPL) से अनुमति लेना आवश्यक है।

अनुमति लेना क्यों आवश्यक है?
PPL एक संस्था है जिसकी स्थापना 78 साल पहले 1941 में हुई थी। इस संस्था के पास विभिन्न भाषाओं के लगभग 25 लाख फिल्मों के कॉपी राइट्स हैं। PPL ने कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की थी कि, उसके स्वामित्व वाले गानों को किसी अवसर पर आयोजित पार्टियों में सार्वजनिक रूप से बजाने पर कॉपी राइट का उललंघन है, लिहाजा बिना अनुमति के सार्वजनिक रूप से इन गानों को बजाने पर रोक लगाई जाए।

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