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मानसून को लेकर बीएमसी ने कोर्ट को बताई तैयारी


मानसून को लेकर बीएमसी ने कोर्ट को बताई तैयारी
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मेनहोल में गिर कर किसी की मौत न हो इसके लिए मेनहोल्स में बीएमसी द्वारा जालियां लगाई जा रहीं हैं। बीएमसी के मुताबिक कुलाबा से लेकर सायन के बीच सड़कों पर स्थित 1425 मेनहोल्स में अब तक जालियां लगाई जा चुकी हैं। साथ ही बीएमसी ने यह भी दावे किया कि वह मानसून के लिए तैयार है। एक याचिका की सुनवाई के दौरान बीएमसी ने यह जानकारी बॉम्बे हाईकोर्ट को दी।


बीएमसी के खिलाफ कोर्ट में याचिका 
आपको बता दें कि पिछले साल अक्टूबर महीने में आई बाढ़ में सड़कों पर लाबालब पानी भर गया था, जिसमें एलफिंस्टन में रहने वाले एक डॉक्टर दीपक अमरापुरकर की मेनहोल में गिर कर मौत हो गयी थी, क्योंकि सड़कों पर पानी भरे होने के कारण वे मेनहोल नहीं देख पाए थे, जबकि मेनहोल खुला हुआ था। यह कोई पहली घटना नहीं थी मेनहोल में गिरने की इसके पहले और भी घटनाएं हो चुकी हैं। इसे देखते हुए रिटेल वेलफेयर एसोसिएशन ने इस घटना का जिम्मेदार बीएमसी को मानते हुए कोर्ट में याचिका दाखिल की और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी।


कोर्ट ने बीएमसी को लगाई फटकार 
इस याचिका पर पिछले सप्ताह सुनवाई हुई थी, जिसमें कोर्ट ने बीएमसी से जानकारी मांगते हुए सवाल किया था कि अब तक कितने मेनहोल्स में जालियां लगाई गयी हैं। यही नहीं कोर्ट फे बीएमसी को झाड़ लगाते हुए कहा कि 21 जून कितने मेनहोल्स में जालियां लगाई गयीं हैं इस बारे में जल्द से जल्द रिपोर्ट पेश की जाए।


बीएमसी ने बताई तैयारी 
गुरुवार को बीएमसी ने कोर्ट ने रिपोर्ट पेश की और कोर्ट को बताया कि कुलाबा से सायन तक 1425 मेनहोल्स में जालियां लगाई गयीं हैं। यही नहीं बीएमसी ने कोर्ट को यह भी बताया कि सड़कों पर पानी जमा न हो इसके लिए वाटर पंप और 6 पंपिंग स्टेशन भी बनाए गए हैं, साथ ही मुंबई के सभी समुद्री किनारों पर 36 लाइफ गार्ड तैनात किये गए हैं। अब इसकी अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी।  

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