
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए बाजार में मास्क और सैनिटाइजर की मांग काफी बढ़ गई है। बाजार में मास्क और सैनिटाइजर की बढ़ती मांग के कारण अब इसके कमी भी होने लगी है। ऐसे में अब कुछ असमाजिक तत्व नकली सैनिटाइजर बनाकर बाजार में बेच रहे है। मुंबई में ऐसे ही एक अड्डे पर एफडीए ने छापा मारा और नकली सैनिटाइजर बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की।
मुंबई एफडीए को पता चला था कि कोरोना वायरस की वजह से बाजार में सैनिटाइजर की खपत बढ़ गई है, जिसका फायदा उठाते हुए कुछ लोग नकली सैनिटाइजर बनाकर बाजार में बेच रहे हैं। खबर मिसने के बाद एफडीएन ने मुंबई के वकोला इलाके में संस्कार आयुर्वेद नामक कंपनी पर रेड डाली, जहां नकली सैनिटाइजर बनाने वाले अड्डे का पर्दाफाश हुआ।
एफडीए के निरीक्षक धनंजय जाधव ने कहा "ये बिना परमिट के इसकी मैनुफैक्चरिंग कर रहे थे. इनके पास कोई लाइसेंस नही है. रेड में जो हैंडवॉश के बॉटल मिले हैं, उनमें किसी पर भी लाइसेंस नंबर, बैच नंबर नहीं, संस्कार आयुर्वेद नामक कंपनी इसे बना रही थी." जांच में पता चला है कि सिर्फ 8 दिन के अंदर ऐसी नकली सैनिटाइजर और हैंडवॉश बनाने वाली कंपनियां बाजार में पैदा हो गईं हैं, जिनके पास न कोई रजिस्ट्रेशन नंबर है और न ही किसी तरह का लाइसेंस>
नकली सैनिटाइजर को बाजार में 105 रूपये से लेकर 190 रूपये की एक बॉटल के हिसाब से बाजार में बेचा जा रहा था। इस नकली सैनिटाइजर में पानी और निम्न स्तर के कच्चे माल का इस्तेमाल किया गया था, जिससे लोगों के सेहत पर काफी नुकसान होता था।
