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कोरोना वायरस का कचरा BMC के लिए बना सिरदर्द

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने 20 मार्च को कोरोना वायरस के उपचार के दौरान उत्पन्न बायोमेडिकल कचरे के निपटारे के लिए अलग नियम जारी किए हैं।

कोरोना वायरस का कचरा BMC के लिए बना सिरदर्द
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मुंबई सहित पूरे राज्य में कोरोना वायरस (Coronavirus) का कहर बढ़ता ही जा रहा है। बढ़ते हुए कोरोना संक्रमण पर अंकुश लगाने के लिए BMC और राज्य सरकारों ने नागरिकों से सैनिटाइज़र, फेस मास्क, दस्ताने का उपयोग करने और सामाजिक दूरी का पालन करने की अपील की है।  

कोरोना से बचने के लिए लोग दस्ताने पहनते हैं और फेस मास्क लगाते हैं। लेकिन कुछ दिन तक यूज करने के बाद लोग इन्हें कचरे में फेंक देते हैं, जिसके बाद यह सब कचरे के रूप में बड़ी मात्रा में जमा हो रहा है। बताया जाता है कि राज्य में हर दिन 15 टन कोविड कचरा (Vividh west) जमा हो रहा है। अब इस कचरे को डंप करना BMC के लिए बड़ा सिरदर्द बन गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार अप्रैल की तुलना में मई में कोविड कचरे की मात्रा दोगुनी दर से वृद्धि हुई है। अप्रैल के पहले सप्ताह में ही रोगियों की बढ़ती संख्या के साथ कोविड कचरे की मात्रा 2 दिनों में 2 टन तक हो गई। फिर अप्रैल के तीसरे सप्ताह में यह 7 टन के करीब बढ़ गया। मई महीने में, प्रति दिन लगभग 14.58 टन कोविड कचरे की संख्या दोगुनी दर से बढ़ी है जिसका निपटारा BMC द्वारा किया जा रहा है।

इन कचरे के निपटारे के लिए दिशानिर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं। हालांकि, आम नागरिक सहित कचरा साफ करने वाले भी चिंता व्यक्त कर रहे हैं क्योंकि कोविड कचरा दैनिक कचरे में मिलाया जा रहा है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने 20 मार्च को कोरोना वायरस के उपचार के दौरान उत्पन्न बायोमेडिकल कचरे के निपटारे के लिए अलग नियम जारी किए हैं। जिसके मुताबिक कोविड कचरे का पृथक्करण कर द्वारा अलग से निपटारा किया जाना चाहिए। इसके लिए राज्य में 30 स्थानों पर सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं हैं।

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