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भ्रष्टाचार का जवाब भ्रष्टाचार.. ये कैसा न्याय ?


भ्रष्टाचार का जवाब भ्रष्टाचार.. ये कैसा न्याय ?
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मुंबई - मुंबई महानगर पालिका के सहायक आयुक्त की गाड़ी (जिसपर बीएमसी का बोर्ड लगा हुआ था) को सिग्नल तोड़ने पर एक ट्रैफिक हवलदार ने रोक लिया और 500 रुपए का दंड मांगा। किसी जरूरी काम या फिर जाने की जल्दबाजी के चलते सहायक आयुक्त ने ड्राइवर से फाइन भरने को कह आगे निकलने का आदेश दिया, लेकिन हवलदार ने 500 रुपए फाइन लेने के बाद भी गाड़ी को रोक लिया। आखिरकार हैरान परेशान सहायक आयुक्त ने गाड़ी से सिर बाहर निकालकर कारण पूछा, हवलदार ने कहा कि साहब दंड नहीं भरेंगे तो भी चलेगा, पर आपके बीएमसी के कर्मचारी बेवजह ही लोगों को परेशान करते हैं यही आपको समझाना है। अपने बच्चे का जन्म प्रमाणपत्र निकालने के लिए मैने बीएमसी के बहुत चक्कर काटे आखिरकार 500 रुपए रिश्वत लेकर आपके पालिका कर्मचारी ने जन्मप्रमाणपत्र बनाया।
हवलदार की पूरी दास्तान सुनने के बाद पालिका अधिकारी ने कहा कि गलती हुई है तो पावती फाड़ो और हमें छोड़ो। गलती होने का दंड है लेकिन किसी और की गलती की सजा किसी और को नहीं मिल सकती। इस घटना से अधिकारी के मन पर गहरा असरा पड़ा।
उन्होंने सोचा कि नगरसेवक गलती करते हैं तो पांच साल बाद उन्हें चुनाव के वक्त जनता सबक सिखा सकती है, लेकिन अगर बीएमसी कर्मचारी गलती करेंगे तो सबक सिखाने के लिए प्रत्येक नागरिक इस तरह के रास्ते का इस्तेमाल करेगा तो क्या होगा? यह गंभीर प्रश्न है।

(यह वाकया बीएमसी चुनाव के इस माहौल में बीएमसी के एक सहायक आयुक्त से की गई बातचीत पर आधारित है, जिन्हें उन्होंने हमारे साथ साझा किया, जिसे हमने आप से साझा किया )

 

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