मंत्रिमंडल की बैठक में मुंबई उच्च न्यायालय, नागपुर और औरंगाबाद पीठों के लिए 2,228 नए पदों के सृजन को मंजूरी दी गई। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने की। (Creation of 2,228 posts for the Bombay High Court)
न्यायिक कार्यों में तेजी लाने के लिए जनशक्ति की आवश्यकता
न्यायिक कार्यों में तेजी लाने के लिए जनशक्ति की आवश्यकता थी। साथ ही, न्यायिक कार्यों में सूचना प्रौद्योगिकी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता का अधिकतम उपयोग करके कार्य को गति प्रदान करने के लिए 2,228 पदों का सृजन किया गया है। न्यायिक प्रक्रिया में तेजी लाने और नागरिकों की सुविधा के लिए यह पद आवश्यक है।
मुंबई उच्च न्यायालय और औरंगाबाद व नागपुर पीठों की मूल शाखा और अपील शाखा के लिए ग्रुप-ए से ग्रुप-डी संवर्ग में अतिरिक्त पदों का सृजन
तदनुसार, मुंबई उच्च न्यायालय और औरंगाबाद व नागपुर पीठों की मूल शाखा और अपील शाखा के लिए ग्रुप-ए से ग्रुप-डी संवर्ग में अतिरिक्त पदों का सृजन किया जा रहा है। तदनुसार, पदों के सृजन का प्रस्ताव सरकार स्तर पर प्रस्तुत किया गया था। मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इन पदों के सृजन के साथ ही इन पदों के लिए वेतन अनुदान और सहायक व्यय के प्रावधान को भी मंजूरी दी गई।
ये पद ग्रुप-ए से ग्रुप-डी संवर्ग तक के हैं। 2 हजार 228 पदों में से 1717 पद प्रशासनिक कार्यों से संबंधित हैं। स्वीकृत पदों में से 562 पद बॉम्बे उच्च न्यायालय की मूल शाखा से संबंधित हैं, 779 अपीलीय शाखा से संबंधित हैं, 591 औरंगाबाद खंडपीठ से संबंधित हैं और 296 पद नागपुर खंडपीठ के लिए सृजित किए जाएंगे।
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