वसई पूर्व के संजय गांधी नेशनल पार्क में स्थित 'बालयोगी श्री सदानंद महाराज आश्रम' के परिसर में बनी धर्मशाला को गुरुवार को वन विभाग की ओर से गिरा दिया गया। किसी भी तरह के तनाव से बचने के लिए इस परिसर में पुलिस का भारी बंदोबस्त तैनात किया गया था। इस बीच आश्रम में बड़ी संख्या में भक्त जमा हो गए। बालयोगी सदानंद बाबा ने सभी को शांत रहने का आदेश दिया है।
क्या था मामला
तकरीबन 50 से 60 साल पुराने सदानंद बाबा आश्रम के खिलाफ पर्यावारण कार्यकर्ता देबी गोयनका ने सन 2004 में वाइल्ड लाइफ को नुकसान बताते हुए शिकायत की थी। यह मामला CEC में गया। CEC ने 2009 में आश्रम के अवैध निर्माण को तोड़ने का आदेश दिया, लेकिन आश्रम तोड़ा नहीं जा सका। मामला सुप्रीम कोर्ट में गया. सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त तक आश्रम हटाने का आदेश दिया है। मंदिर ट्रस्ट का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश एक्स पार्टी था क्योंकि उनका काउंसिल उस समय अदालत में मौजूद नहीं था।
मिलिंद एकबोटे ने भी किया था दौरा
भीमा कोरेगांव हिंसा के आरोपी मिलिंद एकबोटे ने भी एक दिन पहले आश्रम का दौरा किया और आश्रम तोड़े जाने के विरोध में इकठ्ठा होने की अपील की है। हालांकि आश्रम की तरफ से खुद ही निर्माण तोड़े जाने की शुरुआत कर शांति बनाए रखने की कोशिश की जा रही है।