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दिव्यांग कर्मचारियों ने की छुट्टी की मांग

बीएमसी में काम करनेवाले दिव्यांग कर्मचारियों ने बीएमसी कमिश्नर और राज्य सरकार को इस बाबत पत्र भी लिखा है

दिव्यांग कर्मचारियों ने की छुट्टी की मांग
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बीएमसी के शारीरिक रूप से अक्षम श्रमिकों ने बीएमसी कमिश्नर  प्रमुख प्रवीण परदेशी और राज्य सरकार को पत्र लिखकर छुट्टी की मांग की है, क्योंकि उन्हें कॉविड -19 के अनुबंध का डर है और तालाबंदी के कारण यात्रा करना मुश्किल हो रहा है।  पत्र में, उन्होंने अनुरोध किया है कि उन्हें केंद्र सरकार के आदेशों के अनुसार छुट्टी दे दी जाए। अलग-अलग-विकलांग कार्यकर्ता ने बीएमसी को छुट्टी देने का अनुरोध किया है।


विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने यह भी कहा है कि विकलांगों के लिए कोरोनावायरस से संक्रमित होने का जोखिम अधिक है, क्योंकि उन्हें स्वच्छता बनाए रखने और दूसरों के बीच आने-जाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।  कुछ को वस्तुओं की पहचान करने के लिए स्पर्श की अपनी भावना का उपयोग करना पड़ सकता है।  इसे देखते हुए, केंद्र ने पहले ही सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि वे विकलांगों को छुट्टी दे सकते हैं।  


हालाँकि, अभी तक इस पहलू में बीएमसी द्वारा कोई राहत नहीं दी गई है।  मुंबई में म्यूनिसिपल मज़दूर यूनियन के अनुसार, नागरिक निकाय में 1,200 से 1,300 अलग-अलग काम करने वाले मज़दूर काम कर रहे हैं।  बीएमसी कार्यालयों और अस्पतालों में काम करने वाले क्लास A से लेकर क्लास D  तक के लोग हैं।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर ने 14 अप्रैल तक के लिए लॉक डाउन का एलान किया है। इस लॉक डाउन के कारण देश मे सभी तरह की सेवाएं बंद है। सिर्फ अत्यावश्यक सेवाओ को ही जारी रकह गया है। मुंबई में बस और ट्रेनों में सिर्फ अत्यावश्यक सेवाओ के कर्मचारियों को ही आने दिया जा रहा है।

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