महाराष्ट्र सरकार (maharashtra government) ने अब अपने सभी कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए एक ड्रेस कोड (dress code) तय किया है। अब से, सरकारी कार्यालय में काम करने वाले कर्मचारी जींस, टी-शर्ट और चप्पल पहनकर नहीं आ सकेंगे। सरकार ने ड्रेस कोड को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
अब तक, सरकारी कर्मचारियों को उनके पहनावे को लेकर कोई नियम और प्रतिबंध नहीं था कि कार्यालय में क्या पहनना है और क्या नहीं! लेकिन अब सरकार ने ड्रेस कोड को लेकर नए नियम तय किए हैं। जींस और टी-शर्ट अब मंत्रालयों और सरकारी कार्यालयों में नहीं पहने जा सकते हैं। साथ ही रंगबिरंगे गहरे रंग के कपड़े पहनने की भी मनाही है।
यह नियम पुरुषों के अलावा भी तय किया गया है। अब महिलाओं को कार्यालय में साड़ी, कुर्ता, सलवार, चूड़ीदार, दुपट्टा और सलवार पहनना आवश्यक होगा। इसी तरह, सप्ताह में एक बार यानी शुक्रवार को, सभी कर्मचारियों को खादी के कपड़े पहन कर ऑफिस आना पड़ेगा।
राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव, श्रीकांत देशपांडे के हस्ताक्षर के तहत इस संबंध में एक परिपत्र जारी किया गया है। यह ड्रेस कोड सभी सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ-साथ अनुबंध के आधार पर नियुक्त किए गए कर्मचारियों और सलाहकारों के रूप में सरकारी काम के लिए आने वाले लोगों के लिए बाध्यकारी होगा।
सरकार को मंत्रालय के साथ-साथ सभी सरकारी कार्यालयों द्वारा चलाई जाती है। ये कार्यालय एक तरह से राज्य सरकार के जन प्रतिनिधि हैं। इन कार्यालयों में सामान्य नागरिकों, जनप्रतिनिधियों, उच्च पदस्थ अधिकारियों द्वारा काम किया जाता है। ऐसे मामलों में, सरकारी कार्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों की पोशाक राज्य सरकार के प्रतिनिधि के रूप में बहुत महत्वपूर्ण है। कर्मचारियों की पोशाक से, संस्थान की एक विशेष छाप वहां आने वाले आगंतुकों पर पड़ता है। इसीलिए ड्रेस कोड तय किया गया है ताकि सभी की ड्रेस सरकारी कार्यालय के अनुरूप हो।
इस तरह से हैं ड्रेस कोड के नए नियम..
- सभी कर्मचारियों का पहनावा उचित होना चाहिए।
- महिला कर्मचारियों को साड़ी, कुर्ता, सलवार, चूड़ीदार, दुपट्टा और सलवार पहनना चाहिए।
- पुरुष कर्मचारियों को शर्ट और पैंट पहनना आवश्यक होगा।
- महिला और पुरुषों को जींस और टी-शर्ट पहनने पर मनाही होगी।
- गहरे और रंगीन कपड़े न पहनें।
- चप्पल, जूते और सैंडल का उपयोग किया जाना चाहिए।
- ऑफिस में चप्पल का इस्तेमाल नहीं करना पड़ेगा।