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बकाया लाइट बिल जल्द भरो, नहीं तो फिर काट दी जाएगी बिजली : महावितरण

दिसंबर 2020 के अंत तक राज्य में कुल 63,740 करोड़ रुपये बिजल का बिल बकाया है। इससे महावितरण (mahavitran) की वित्तीय स्थिति डांवाडोल हो गई है।

बकाया लाइट बिल जल्द भरो, नहीं तो फिर काट दी जाएगी बिजली : महावितरण
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बिजली बिल (light bill) के बकाए को लेकर महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण विभाग यानीमहावितरण (MSEDCL) ने अपने सभी फील्ड कार्यालयों को बकाया बिजली के बिल वसूलने और बकाया ग्राहकों को बिजली की आपूर्ति तुरंत काटने का आदेश दिया है।

दिसंबर 2020 के अंत तक राज्य में कुल 63,740 करोड़ रुपये बिजल का बिल बकाया है। इससे महावितरण (mahavitran) की वित्तीय स्थिति डांवाडोल हो गई है। अब, यदि ग्राहक बिजली बिल का भुगतान नहीं करता है, तो महावितरण के पास बिजली आपूर्ति में कटौती करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

पिछले साल के अंत तक, राज्य में पंपिंग सेट वाले किसानों की कुल बकाया राशि 45,498 करोड़ रुपये, वाणिज्यिक और घरेलू और औद्योगिक ग्राहकों की कुल बकाया राशि 8,485 करोड़ रुपये और उच्चदाब वाले ग्राहकों की कुल बकाया राशि 2,435 करोड़ रुपये है।

मार्च 2020 में राज्य में कोविड 19 (covid19) के कारण महावितरण ने बकाया देनदारों की बिजली आपूर्ति में कटौती नहीं करने का निर्णय लिया था। इसके बाद आर्थिक स्थिति को देखते हुए राज्य के ऊर्जा मंत्री डॉ. नितिन राउत (nitin raut) ने दिसंबर के अंत तक बकाएदारों की बिजली की आपूर्ति में कटौती नहीं करने का भी निर्देश दिया था।

लॉकडाउन (lockdown) के दौरान, निजी बिजली वितरण कंपनियों ने महाराष्ट्र विद्युत नियामक आयोग से बिजली की बकाया राशि को वसूलने के लिए  अनुमति मांगी थी। सितंबर 2020 में, मुंबई और मुंबई उपनगरों में बकाया वसूली अभियान शुरू किया गया था। इसके तहत, कई बकायेदारों की आपूर्ति बाधित कर दी गई थी। हो हल्ला मचने के बाद ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने बकायेदारों की बिजली नहीं काटने का आदेश महावितरण को दिया। लेकिन बकाया राशि लगातार बढ़ने के बाद महावितरण पर आर्थिक बोझ बढ़ने लगा है।

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