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हाउसिंग सोसाइटियों में EV चार्जिंग स्टेशनों की अनुमति देने वाली नीति लागू करें- बॉम्बे हाईकोर्ट

जस्टिस एसवी गंगापुरवाला और एसजी डिगगे की पीठ ने शुक्रवार को सरकार, सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, बीएमसी, बेस्ट और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया।

हाउसिंग सोसाइटियों में EV  चार्जिंग स्टेशनों की अनुमति देने वाली नीति लागू करें- बॉम्बे हाईकोर्ट
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बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका (PIL) में नोटिस जारी कर महाराष्ट्र सरकार और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार को विकास नियंत्रण और संवर्धन विनियम (MEV) में संशोधन करके मोटर इलेक्ट्रिक वाहन (MEV) नीति 2021 को लागू करने का निर्देश दिया है। 

अगली सुनवाई छह जनवरी 

जस्टिस एसवी गंगापुरवाला और एसजी डिगगे की पीठ ने शुक्रवार को सरकार, सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, बीएमसी, बेस्ट और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया। हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई छह जनवरी को तय की है।

उच्च न्यायालय मे अमित ढोलकिया और सोहेल कपाड़िया द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था।  इस य़ाचिका  मे हाउसिंग सोसायटियों में इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग पॉइंट के लिए दिशानिर्देश तैयार करने और लागू करने के लिए अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की गई थी।

दोनों ने गैरेज में ईवी को चार्ज करने के लिए एक नया बिजली कनेक्शन लेने के लिए अपने-अपने हाउसिंग सोसाइटी से संपर्क किया था। सोसायटियों ने यह कहते हुए अनुमति देने से इनकार कर दिया कि उनके पास व्यक्तिगत सदस्यों को ईवी चार्जिंग के लिए अपने बिजली के मीटर लगाने की अनुमति देने की कोई नीति नहीं है।

उसके बाद उन्होंने राज्य सरकार और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार को इस संबंध में लिखा। हालांकि अभी तक उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया है।याचिकाकर्ताओं ने महसूस किया कि महाराष्ट्र में भी इसी तरह के कई और  लोग थे।  याचिका में कहा गया है कि "नियामक और वैधानिक शून्यता के कारण उन्हें जनहित याचिका दायर करने के लिए मजबूर किया गया क्योंकि सहकारी आवास समितियों में इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना के लिए कोई दिशानिर्देश नहीं हैं"।

याचिका में कहा गया है कि इस संबंध में राज्य और केंद्र सरकार की नीतियों के साथ-साथ ईवी के विशाल पर्यावरणीय और आर्थिक लाभों को ध्यान में रखते हुए  यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि EV चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर हर सहकारी हाउसिंग सोसाइटी में स्थापित हो।

महाराष्ट्र सरकार ने भी महाराष्ट्र इलेक्ट्रिक वाहन नीति (MEV नीति) 2021 जारी की, जिसने EV को बढ़ावा दिया। हालांकि, सरकार ने इसे लागू करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। महाराष्ट्र क्षेत्रीय और नगर नियोजन अधिनियम में ईवी चार्जिंग के लिए कोई प्रावधान नहीं है।

याचिका में दावा किया गया है कि राज्य और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि MEV नीति को महाराष्ट्र सहकारी समिति अधिनियम के माध्यम से लागू किया जाए।

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