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पानी का बुलबुला साबित हो रहें फ्लाईओवर


पानी का बुलबुला साबित हो रहें फ्लाईओवर
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मुंबई में बने फ्लाईओवर पानी का बुलबुला साबित हो रहे हैं, ये इतने कमजोर साबित हो रहे हैं कि या तो यह गिर रहे हैं या फिर इन पर दरार पड़ जा रही है। चेंबूर स्थित अमर महल जंक्शन ब्रिज को अभी अधिक समय बने नहीं हुआ है। लेकिन उस पर क्रेक पड़ गया। मुंबई की यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए पिछले 15-20 सालों से करोड़ों खर्च करके ब्रिज बनाये गये। पीडब्लूडी विभाग, एमएमआरडीए, एमएसआरडीसी और पालिका द्वारा बनाये गये कितने ही ब्रिज दुर्दशा का शिकार हो गये हैं। इसका सबसे ताजा उदाहरण है लालबाग ब्रिज। इतने कम समय में ब्रिज जिस तरह से कमजोर होकर क्रेक हो रहे हैं इनके निर्माण में लगने वाले घटिया सामग्रियों के इनकार नहीं किया जा सकता। इससे सरकारी महकमा सहित ठेकेदारों पर भी उंगी उठ रही है।

ठाणे-चेंबूर ईस्टर्न फ्रीवे जाने के लिए अमर महल जंक्शन महत्वपूर्ण ब्रिज था। लेकिन इस पर दरार पड़ना वाकई चौकाने वाली बात है। आरटीआई एक्टिविस्ट कमलाकर शेनॉय ने पालिका आयुक्त, पोलिस और सम्बंधित सरकारी महकमों को पत्र लिखा कर ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट में डालने और केस दर्ज करने की मांग की।साथ ही आरटीआई एक्टिविस्ट अनिल गलगली ने भी ठेकेदार और अधिकारियों को इसका जिम्मेदार मानते हुए उनपर कार्रवाई करने की मांग की है।

नाम न उजागर करने की शर्त पर MMRDA के एक अधिकारी ने बताया कि MMRDA ने ही इस ईस्टर्न फ्री वे का निर्माण किया है,लेकिन जहां फ्लाईओवर की ओर से एंगल का नटबोल्ट निकला हुआ था उसे MMRDA ने ठीक नहीं किया था। अधिकारी ने आगे बताया कि छेड़ा नगर जंक्शन के सामने नट बोल्ट निकला हुआ था जिसे पीडब्ल्यूडी ने ठीक किया था। जबकि MMRDA ने अमर महल जंक्शन फ्रीवे की देखभाल की जिम्मेदारी बीएमसी को सौंपी थी।

अभी कुछ दिन पहले लालबाग़ फ्लाईओवर के संदर्भ में दायर एक याचिका पर कोर्ट ने फ्लाईओवर को लेकर अपनी चिंता जाहिर की थी और एक समिति का गठन करने का आदेश भी दिया था। आरटीआई एक्टिविस्ट शेनॉय ने सीएम देवेन्द्र फडणवीस से मांग की थी कि इस संबंध में जल्द से जल्द समिति का गठन किया जाये और जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जाए।

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