कोरोनावायरस के प्रभाव को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च से पूरे देश में लॉक डाउन का ऐलान कर दिया । 24 मार्च से फिलहाल अभी तक पूरे देश में लॉक डाउन है। इसके साथ ही लॉक डाउन होने के कारण इसका काफी गहरा असर व्यवसाय और नौकरी करने वालों पर भी पड़ा हुआ है। हालांकि इस दौरान बिजली बिल कंपनियों ने मीटिंग की रीडिंग ना लेते हुए एवरेज के आधार पर भेजे लेकिन अब जब केंद्र सरकार ने अनलॉक 1.0 की घोषणा की है तब बिजली बिल कंपनियां मीटर रीडिंग पर आधार पर बिल भेज रहे हैं।
हालांकि यह बिल इतना ज्यादा है कि लोगों को भरने में काफी दिक्कतें आ रही है। बिजली बिल को लेकर कई लोगों ने इसकी शिकायत सरकार के पास भी की है । हालांकि सरकार के ऊर्जा मंत्री नितिन रावत ने एक मीडिया चैनल से बात करते हुए कहा है कि बिजली बिल की दरें MEEC तय करता है और यह जो बिल भेजे गए हैं वह पिछले 3 महीनों के उपयोग के आधार पर ही भेजे गए हैं।
मंत्री नितिन राउत का कहना है कि गर्मियों के महीने में लोगों की बिजली बिल वैसे ही ज्यादा आते हैं और लॉक डाउन होने के कारण लोगों ने घरों में ही ज्यादा बिजली का इस्तेमाल किया है। लिहाजा सरकार लोगों के लिए परेशानियों को कम करने की कोशिश कर रही है और ग्राहकों को किस्तों में बिल देने पर विचार किया जा रहा है।