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यौन शोषण केस में विवादित फैसला देने वाली हाई कोर्ट की महिला जज को एक अन्य महिला ने भेजा 150 पैकेट कंडोम

देवश्री के मुताबिक उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है। देवश्री नेे पुष्पा गनेडीवाला को उनके पद से निलंबित करने की मांग भी की है।

यौन शोषण केस में विवादित फैसला देने वाली हाई कोर्ट की महिला जज को एक अन्य महिला ने भेजा 150 पैकेट कंडोम
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कुछ दिन पहले मुंबई हाई कोर्ट (Bombay high court) में एक यौन शोषण के केस की सुनवाई कर रही जस्टिस पुष्पा गनेडीवाला (Pushpa Ganediwala) ने कुछ ऐसे फैसले सुनाए थे, जिसने देश भर का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। इस निर्णय को लेकर न केवल जस्टिस पुष्पा गनेडीवाला की आलोचना हुई थी बल्कि इस निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (supreme court) ने भी एक्शन लेते हुए उसे पलट दिया। अब मामला यह है कि गुजरात की एक महिला ने जस्टिस पुष्पा गनेडीवाला द्वारा दिये गए निर्णय के विरोध में 150 कंडोम (condom) के पैकेट भेजा है।

क्या निर्णय दिया था जस्टिस पुष्पा गनेडीवाला ने?

जस्टिस पुष्पा गनेडीवाला ने यौन शोषण के मामलों की सुनवाई के दौरान दो विवादित फैसले सुनाए थे। पहले मामले में उन्होंने कहा था कि 12 साल की बच्ची का टॉप उतारे बिना उसके ब्रेस्ट को छूना पोस्को के तहत अपराध नहीं है। यानी जब तक स्किन टू स्किन टच न हो तब तक वह अपराध की श्रेणी में नहीं आएगा।

जबकि एक दूसरे फैसले में उन्होंने कहा था, बच्ची का हाथ पकड़कर पैंट की चेन खोलना POCSO के अंदर नहीं आता। इस फैसले से उन्होंने आरोपी को छोड़ दिया था।


कौन हैं वो महिला जिसने कंडोम भेजा है?

जज साहिबा को कंडोम भेजने वाली महिला गुजरात की रहने वाली है और इनका नाम देवश्री त्रिवेदी है। देवश्री खुद को राजनीतिक विश्लेषक बताती हैं और इनका एक यूट्यूब चैनल भी है। त्रिवेदी ने 9 फरवरी को जस्टिस पुष्पा गनेडीवाला के 12 पते पर करीब 150 कॉन्डम के पैकेट्स भेजे हैं।

देवश्री त्रिवेदी ने इस बारे में कहा कि,जज साहिबा ने अपने फैसले में कहा था कि जब तक बच्ची के स्किन से डायरेक्ट कॉन्टैक्ट ना हो, तब तक वो सेक्सुअल असॉल्ट नहीं माना जाएगा और कंडोम इसका बेस्ट एग्ज़ाम्पल है। मैंने एक सिम्बल के तौर पर उन्हें कंडोम के पैकेट भेजा है। देवश्री के मुताबिक उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है। देवश्री नेे पुष्पा गनेडीवाला को उनके पद से निलंबित करने की मांग भी की है।

जबकि इस बारे में नागपुर बार एसोसिएशन (nagpur bar association) के वकील श्रीरंग भंडारकर ने के मुताबिक, ये अवमानना का केस है और इस हरकत के लिए महिला (देवश्री त्रिवेदी) के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।

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