बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को गड्ढों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को लेकर राज्य सरकार को कड़ी चेतावनी दी। बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को गड्ढों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं के पीड़ितों या उनके परिजनों को मुआवज़ा देने के लिए एक नीति बनाने पर विचार करने का आदेश दिया।(High Court slams state government over potholes)
गड्ढों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं के मामलों में ठेकेदारों को ज़िम्मेदार ठहराना जरूरी
मुंबई हाईकोर्ट ने कहा है कि गड्ढों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं के मामलों में ठेकेदारों को ज़िम्मेदार ठहराया जाना चाहिए और संबंधित अधिकारियों के वेतन से जुर्माना वसूला जाना चाहिए।न्यायमूर्ति रेवती मोहिते-डेरे और न्यायमूर्ति संदीश पाटिल की पीठ ने सड़कों के रखरखाव और गड्ढों को भरने के संबंध में विभिन्न एजेंसियों द्वारा ज़िम्मेदारी से बचने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। अदालत ने एजेंसियों के वकीलों को फटकार लगाते हुए कहा कि सभी अपनी ज़िम्मेदारी से बच रहे हैं।
केवल 688 गड्ढे भरे जाने बाकी
बीएमसी के वकील अनिल साखरे ने कहा कि उनके अधिकार क्षेत्र में केवल 688 गड्ढे भरे जाने बाकी हैं। उन्होंने कहा कि नागरिकों की शिकायतों का 48 घंटों के भीतर समाधान किया जाता है।उन्होंने यह भी बताया कि मुंबई नगर निगम को नागरिकों से 15,526 शिकायतें मिली हैं और कनिष्ठ अभियंताओं ने मुंबई और उसके उपनगरों में कुल 11,808 गड्ढों का निरीक्षण किया है। अदालत ने इस पर नाराजगी जताई।
भिवंडी-निजामपुर में गड्ढों के कारण तीन लोगों की मौत
यह सवाल उठाया गया कि नई बनी सड़कों पर फिर से गड्ढे क्यों दिखाई दे रहे हैं। पीठ ने कहा कि अगर गड्ढे में पानी जमा हो गया है, तो व्यक्ति गड्ढा नहीं देख पाएगा।इस मानसून में मुंबई और एमएमआर में गड्ढों के कारण छह लोगों की मौत हो गई। अदालत को बताया गया कि भिवंडी-निजामपुर में गड्ढों के कारण तीन लोगों की जान चली गई, जबकि ठाणे, कल्याण और मुंबई में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई।
ट्रक चालकों या दोपहिया वाहन चालकों की लापरवाही के कारण हुईं मौत
नगर निगम के वकीलों ने यह भी दावा किया कि ये मौतें ट्रक चालकों या दोपहिया वाहन चालकों की लापरवाही के कारण हुईं। अदालत ने इस पर नाराजगी जताई। अदालत ने इस बात पर ज़ोर दिया कि दुर्घटना का मुख्य कारण गड्ढे से बचने के लिए वाहन चालक का वाहन मोड़ना है।
ज़िम्मेदारी तय करने की सलाह
BMC के वकीलों ने कहा कि एमएसआरडीसी, लोक निर्माण विभाग, म्हाडा और पोर्ट ट्रस्ट भी अपने अधिकार क्षेत्र की सड़कों के लिए ज़िम्मेदार हैं।अगर किसी गड्ढे के कारण कोई व्यक्ति घायल होता है या मर जाता है, तो कौन ज़िम्मेदार है? मुंबई उच्च न्यायालय ने कहा कि ज़िम्मेदारी तय की जानी चाहिए।
ठेकेदारों को ज़िम्मेदार ठहराने का निर्देश दिया।
ठेकेदारों को ज़िम्मेदार ठहराने का निर्देश
अदालत ने अदालत में मौजूद नगर निगम के अधिकारियों को एक हफ़्ते के भीतर अपने अधिकार क्षेत्र के गड्ढों को भरने और लापरवाही बरतने के लिए ठेकेदारों को ज़िम्मेदार ठहराने का निर्देश दिया।
यह भी पढ़ें- मीनाताई ठाकरे की प्रतिमा को पारदर्शी कांच में ढका जाएगा