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मिसाल: भागदौड़ भरी जिंदगी से समय निकाल कर भरते हैं मुंबई की सड़क का गड्ढा


मिसाल: भागदौड़ भरी जिंदगी से समय निकाल कर भरते हैं मुंबई की सड़क का गड्ढा
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मुंबई की सड़कों पर गड्ढे होना कोई नई बात नहीं है। शिकायत तो सभी करते हैं साथ ही यात्रा भी करते हैं। लेकिन बिरले होते हैं ऐसे लोग को शिकायत के साथ-साथ लोगों को समस्या से निजात भी दिलाते हैं। इन्ही बिरले में से हैं मुंबई के इरफान मच्छीवाला और मुश्ताक अंसारी। ये लोग अपने काम से फुरसत निकाल कर बिना किसी स्वार्थ के सड़कों के गड्ढे भी भरते हैं।


100 से अधिक गड्ढे भर चुके हैं

इस काम के लिए ये न तो किसी नेता के पास जाते हैं न बीएमसी के पास और न ही किसी एनजीओ के पास। बस जहां से कंस्ट्रक्शन मटेरियल मिला वहां से उठा कर सड़कों के गड्ढे भरने में लग जाते हैं। इन्होने इसकी शुरुआत अपने ही इलाके यानी बांद्रा-माहिम में वेस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे के गड्ढे भरने से की थी। यही नहीं इस काम के लिए इन्होने हथौड़ा, फावड़ा, घमेला जैसे छोटे मोटे सामान भी ख़रीदे हैं। अब तक ये दोनों लगभग 100 से अधिक गड्ढे भर चुके हैं।


चार महीने से कर रहे हैं यह काम 

कार का कारोबार करने वाले मुश्ताक कहते हैं कि 4 महीने पहले वे अपने एक दोस्त के साथ हाइवे से गुजर रहे थे तभी सड़क पर बने कई गड्ढों पर उनकी नजर पड़ी। तबसे उन्होंने इन गड्ढों को भरने का निर्णय लिया। मुश्ताक आगे कहते हैं कि वे रोजाना अपने काम से 1 से 2 घंटे का समय निकालकर हम सड़कों की मरम्मत करते हैं। यही नहीं इस काम में लगने वाले पैसों का बंदोबस्त भी यही दोनों करते हैं।

तो वहीं सामाजिक कार्यों से जुड़े इरफ़ान मच्छीवाला कहते हैं कि हमने स्थानीय प्रशासन से इन गड्ढों के बारे में कई बार शिकायत की लेकिन उनकी तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया। इसीलिए यह काम हम ही करने लगे। इरफ़ान कहते हैं कि वो दोनों यह काम चार महीने से कर रहे हैं। 

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