राज्य में कॉलेज शिक्षकों की विभिन्न मांगों को लेकर गुरुवार को सकारात्मक चर्चा हुई। स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने मुंबई में पत्रकार वार्ता कर जानकारी दी कि चूंकि कॉलेज के शिक्षकों ने 12वीं की पेपर परीक्षा का बहिष्कार वापस ले लिया है इसलिए समय से रिजल्ट मिल जाएगा। (Maharashtra Boycott of junior college teachers to not check HSC papers ends)
मंत्री दीपक केसरकर ने कहा कि जूनियर कॉलेज शिक्षकों की समस्याओं को लेकर राजकीय जूनियर कॉलेज शिक्षक महासंघ के पदाधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सकारात्मक चर्चा हुई। आज पुनः महासंघ के पदाधिकारियों से चर्चा में सरकार ने विद्यार्थियों के हित में सकारात्मक निर्णय लिया है। सरकार 1 नवम्बर 2005 से पूर्व गैर सहायता प्राप्त एवं आंशिक अनुदान पर नियुक्त शिक्षकों को पुरानी पेंशन योजना लागू करने को लेकर सकारात्मक है और उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री की अध्यक्षता में गठित समिति इस पर उचित निर्णय लेगी।
पुरानी पेंशन योजना के संबंध में शेष शिक्षकों, राज्य सरकार के कर्मचारियों के संबंध में राज्य सरकार की नीति के अनुसार निर्णय लिया जायेगा। शिक्षकों के लिए भी सरकारी कर्मचारियों के लिए 10, 20, 30 वर्ष की गारंटीशुदा प्रगति योजना लागू की जाएगी। इस संबंध में प्रस्ताव वित्त विभाग को भेज दिया गया है। साथ ही राज्य में आई.टी. विषय की नियुक्ति आई.टी. द्वारा अनुमोदित है। शिक्षकों के 214 पद स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सत्र की समाप्ति के बाद वित्त विभाग के साथ बैठक कर उनके वेतन के संबंध में निर्णय लिया जाएगा।
बैठक में आंशिक अनुदानित विद्यालयों एवं कनिष्ठ महाविद्यालयों के लिए प्रचलित अनुदान फार्मूले के क्रियान्वयन के संबंध में निर्णय लिया जायेगा तथा गैर अनुदानित से अनुदानित में स्थानांतरण पर रोक के संबंध में भी उपयुक्त निर्णय लिया जायेगा। शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पवित्र प्रणाली से चल रही है और जूनियर कॉलेज बैच में छात्रों की संख्या सरकार द्वारा पूर्व में स्वीकृत वर्ग क्षमता के अनुसार होगी।
डीसीपीएस योजना के खातों को अंतिम रूप देने और इस राशि को एनएसडीएल में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया चल रही है और यह प्रक्रिया मार्च 2023 तक पूरी हो जाएगी।
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