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धारावी ने किस तरह से कोरोना पर पाई विजय, जानें यहां

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी अपनी बैठक में धारावी पैटर्न की प्रशंसा की है। राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी इसके लिए धारावीकरों को बधाई दी है।

धारावी ने किस तरह से कोरोना पर पाई विजय, जानें यहां
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एक समय कोरोना वायरस का हॉटस्पॉट (Coronavirus hotspot dharavi) बन चुके धारावी को चीन का वुहान शहर भी कहा जा रहा था। लेकिन अब स्थिति पूरी तरह से बदल चुकी है। कोरोना वायरस (covid-19) अब धरावी में नियंत्रण में है। मुंबई नगर निगम (BMC) और राज्य सरकार के स्वास्थ्य कर्मियों के अथक प्रयासों के कारण धारावी कोरोना (Covid-19 free dharavi) मुक्त होने की कगार पर है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी अपनी बैठक में धारावी पैटर्न (dharavi pattern) की प्रशंसा की है।  राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (uddhav thackeray) ने भी इसके लिए धारावीकरों को बधाई दी है।

एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी और घनी आबादी वाले धारावी ने दुनिया को दिखाया है कि यह अगर खुद पर भरोसा है और आत्मबल के साथ कोरोना से लड़ाई लड़ कर उसे नियंत्रित किया जा सकता है। धारावी कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एक रोल मॉडल के रूप में विश्व स्तर पर खुद का नाम बना चुका है। वर्तमान में, धारावी में रोगियों की रिकवरी रेट 82% हो गई है और सक्रिय मामलों की संख्या केवल 166 है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि यह नगरपालिका प्रशासन, गैर सरकारी संगठनों और स्थानीय नागरिकों के सामूहिक प्रयासों की सफलता है।

धारावी की 80% आबादी 450 सामुहिक शोचालयों का उपयोग करती है। अधिकांश आबादी बाहर के भोजन पर निर्भर है। 10 बाई 10 के घर में 8 से 10 लोग रहते हैं। सोशल डिस्टेंस का पालन करना, कोरोना मरीज को होम क्वारंटाइन (home quarantine) करना यहां संभव नहीं है। मुंबई उपनगर के संरक्षक मंत्री आदित्य ठाकरे (aaditya thackeray)  ने कहा, 'चेस द वायरस' (chase the virus) पहल के माध्यम से ट्रेसिंग, ट्रैकिंग, परीक्षण और उपचार की अवधारणा को चार स्तरों पर लागू किया गया था।

इस अभियान में, डॉक्टरों और निजी अस्पतालों द्वारा 47,500 घरों की जांच की गई। 3.6 लाख लोग स्कैन किए गए। प्रो.एक्टिव स्क्रीनिंग, फीवर कैम्प, अर्ली डिटेक्शन, समय पर क्वारंटीन, अच्छी तरह से सुसज्जित स्वास्थ्य सुविधाएं और क्वारंटाइन सेंटर्स जैसे उपायों से कोरोना को नियंत्रण में रखने में मदद मिली। 14 हजार 970 लोगों को मोबाइल वैन से स्कैन किया गया।  8246 वरिष्ठ नागरिकों की जांच और सर्वेक्षण किया गया।  14,000 लोगों की संस्थागत संगरोध यानी इंस्टिट्यूशनल क्वारंटाइन (institutional quarantine) किया गया।

निजी सार्वजनिक भागीदारी के माध्यम से उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों की पहचान करके निजी चिकित्सकों के सहयोग से उपचार प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया। BMC के चिकित्सा उपचार केंद्र के अलावा, 24 निजी डॉक्टर भी लोगों के उपचार के लिए आगे आए।

BMC ने उन सभी को व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों की आपूर्ति के साथ उन्हें टेस्ट किट, थर्मल स्कैनर, पल्स ऑक्सीमीटर, मास्क, दस्ताने प्रदान किए गए और डोर टू डोर निरीक्षण शुरू किया गया। सभी चिकित्सकों ने अपने क्लीनिक खोल रखे थे। संदिग्धों को बीएमसी अस्पताल से संपर्क करने के लिए कहा गया था। BMC ने सभी निजी अस्पतालों की सफाई की और सभी प्रकार की सुविधाएं प्रदान कीं।

साईं अस्पताल, प्रभात नर्सिंग होम, फैमिली केयर जैसे अस्पतालों को BMC ने अपने कब्जे में लेकर वहां मरीजों को क्वारंटाइन किया। साथ ही बढ़ते मरीजों को समायोजित करने के लिए स्कूलों, हॉल, खेल परिसरों का उपयोग किया गया। कम्युनिटी किचन की अवधारणा से लोगों के नाश्ते, दोपहर के भोजन और रात के खाने के लिए व्यवस्था की गई। लोग कंटेन्मेंट जोन से बाहर न जाएं इसके लिए

बीएमसी की तरफ से उन्हें 25,000 किराने किट और 21,000 खाद्य पैकेटों को वितरित किया गया। इसके अलावा विधायक, सांसद और नगरसेवकों ने भी क्षेत्र में मुफ्त खाद्यान्न वितरित किया।

हर दिन के 24 घंटे लोगों को नर्सों, डॉक्टरों और चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई गई। मल्टीविटामिन और दवा का वितरण किया गया। 14 दिनों की छोटी अवधि के लिए 200-बेड के ऑक्सीजन की आपूर्ति से सुसज्जित एक अस्पताल की स्थापना किया गया। केवल गंभीर रोगियों को ही इलाज के लिए धारावी से बाहर जाने दिया गया, जबकि 90% रोगियों का इलाज धारावी में चिकित्सा उपचार केंद्र में किया गया। हाई रिस्क जोन का चुनाव करके वहाँ कोरोना योद्धा के रूप में सामाजिक कार्यकर्ताओं को नियुक्त किया गया।

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