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मनोज जरांगे पाटिल ने आखिरकार अपनी भूख हड़ताल खत्म की

मनोज जरांगे ने मराठा आरक्षण के लिए पांच मांगें रखी थीं, जिसमें ज्यादा मांगो को सरकार ने मान लिया है

मनोज जरांगे पाटिल ने आखिरकार अपनी भूख हड़ताल खत्म की
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मुंबई में मनोज जरांगे का मराठा आंदोलन बेहद सफल रहा है और मराठा समिति ने कहा है कि हैदराबाद राजपत्र स्वीकार्य है।उपसमिति ने मनोज जरांगे की इस बात पर सहमति जताई कि इस राजपत्र के अनुसार, गाँव, रिश्तेदारों और कुल के लोगों से पूछताछ की जाएगी और कुनबी प्रमाण पत्र जारी किए जाएँगे।

सरकार जल्द ही लाएगी जीआर 

उपसमिति ने यह भी सहमति जताई कि सातारा राजपत्र की माँग पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।मनोज जरांगे ने मराठा और कुनबी को एक करने की माँग की थी। उपसमिति ने माँग की है कि इसके लिए एक या दो महीने का समय दिया जाए।

पाँच माँगें रखी

मनोज जरांगे ने मराठा आरक्षण के लिए पाँच माँगें रखी थीं। इस पर मराठा उपसमिति ने जरांगे को आठ प्रस्ताव दिए। हैदराबाद राजपत्र को तुरंत लागू किया जाएगा।उपसमिति ने यह भी वादा किया है कि मसौदे में उल्लिखित मामलों पर तुरंत एक सरकारी आदेश जारी किया जाएगा।

मराठा और कुनबी एक ही हैं, अभी तक कोई फैसला

मराठा उपसमिति ने वादा किया कि अगर मनोज जरांगे इन माँगों को स्वीकार कर लेते हैं, तो वह तुरंत एक सरकारी आदेश जारी करेगी और उसे लागू करेगी। लेकिन मनोज जरांगे की इस मांग पर कि मराठा और कुनबी एक ही हैं, अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है।

जटिल प्रक्रिया

चूँकि यह प्रक्रिया जटिल है, इसलिए उपसमिति ने उन्हें एक या दो महीने का समय देने की माँग की है।मराठा उपसमिति ने मनोज जरांगे से मुलाकात की और उन्हें मसौदे में किए गए प्रावधानों की जानकारी दी। मराठा उपसमिति में अध्यक्ष राधाकृष्ण विखे पाटिल, मंत्री शिवेंद्रराजे भोसले और मंत्री माणिकराव कोकाटे शामिल थे।

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