मुंबई की बढ़ती जल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक नई बांध परियोजना, दो खनन परियोजनाएं और एक विद्युत लाइन कनेक्शन परियोजना से महाराष्ट्र में 1,800 हेक्टेयर वन क्षेत्र नष्ट हो जाएगा। ताडोबा परियोजना के कारण लगभग 4,00,000 पेड़ भी काटे जाएंगे। (More than 400 thousand trees will be cut down)
मुख्यमंत्री के अध्यक्षता मे हुई बैठक
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई बैठक में राज्य वन्यजीव बोर्ड ने सभी चार मेगा परियोजनाओं को हरी झंडी दे दी है। संवेदनशील आवासों और नाजुक पारिस्थितिकी प्रणालियों के विनाश को देखते हुए बोर्ड की मंजूरी अत्यंत महत्वपूर्ण थी।एसबीडब्ल्यूएल द्वारा अनुमोदित परियोजनाओं में गरगई बांध भी शामिल है। जिससे मुंबई को प्रतिदिन 450 मिलियन लीटर पानी उपलब्ध होगा।
इससे मुंबई की जल आपूर्ति में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, जो वर्तमान में 4,000 एमएलडी है। लेकिन इस परियोजना के लिए 3,00,000 से अधिक पेड़ों को काटना पड़ेगा। इससे 845 हेक्टेयर वन भूमि नष्ट हो जाएगी। तानसा वन्यजीव अभयारण्य ठाणे और पालघर जिलों में 652.21 हेक्टेयर क्षेत्र और आसपास की 167.63 हेक्टेयर भूमि को कवर करता है।
गुरुवार को आयोजित बैठक में एसबीडब्ल्यूएल के समक्ष प्रस्तुत की गई जानकारी के अनुसार, जवाहर वन प्रभाग में अतिरिक्त 5.7 हेक्टेयर भूमि तथा आसपास के क्षेत्रों में 19.29 हेक्टेयर भूमि भी इस परियोजना के लिए आवंटित की जाएगी। इस गांव के लिए छह गांवों का पुनर्वास करना होगा।
वैतरणा घाटी में गरगई नदी पर बनने वाले बांध का निर्माण अनुमानित 1,820 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। यह गरगई बांध मुंबई को पानी की आपूर्ति करने वाला आठवां बांध होगा। यह 2014 में पालघर जिले में मध्य वैतरणा के निर्माण के बाद बनाया जाने वाला पहला बांध होगा।
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