राज्य स्कूल पाठ्यक्रम योजना 2024 के अनुसार महाराष्ट्र में पहली कक्षा से ही हिंदी को अनिवार्य कर दिया गया है। जिसपर मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने स्कूली शिक्षा में कक्षा एक से आगे की कक्षाओं में हिंदी को अनिवार्य बनाने के केंद्र सरकार के फैसले पर बड़ी चेतावनी दी है।
राज ठाकरे ने कहा की "मैं स्पष्ट शब्दों में कहता हूं कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना इस जबरदस्ती को बर्दाश्त नहीं करेगी, हम केंद्र सरकार के हर चीज का 'हिंदीकरण' करने के मौजूदा प्रयासों को इस राज्य में सफल नहीं होने देंगे, हिन्दी राष्ट्रीय भाषा नहीं है, यह देश की अन्य भाषाओं की तरह एक आधिकारिक भाषा है, उन्हें पहली कक्षा से महाराष्ट्र में क्यों पढ़ना पड़ा? आपका त्रिभाषी फार्मूला जो भी हो, उसे सरकारी मामलों तक ही सीमित रखें, शिक्षा में न लाएं"
राज ठाकरे ने आलोचना करते हुए कहा " यह देश भाषाई क्षेत्रों में विभाजित था और यह स्थिति कई वर्षों तक बनी रही,लेकिन महाराष्ट्र पर दूसरे प्रांत की भाषा थोपने की शुरुआत अभी क्यों हुई है? भाषाई क्षेत्रीयकरण के सिद्धांत को कमजोर किया जा रहा है।"
राज ठाकरे ने कड़ा रुख अपना ते हुए कहा की" हर भाषा सुंदर होती है और उसके निर्माण के पीछे एक लंबा इतिहास और परंपरा होती है और जिस राज्य की वह भाषा है, वहां उसका सम्मान बनाए रखा जाना चाहिए, जैसे महाराष्ट्र में मराठी का अन्य भाषियों द्वारा सम्मान किया जाना चाहिए, वैसे ही अन्य राज्यों में भी उस भाषा के सभी भाषियों का सम्मान किया जाना चाहिए, हमारा आग्रह है कि अन्य राज्यों में रहने वाले मराठी लोगों को भी उस राज्य की भाषा को अपनी भाषा मानना चाहिए, लेकिन अगर आप इस देश की भाषाई परंपरा को नष्ट करने जा रहे हैं, तो हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे,"
राज ठाकरे ने कड़े शब्दो का इस्तेमाल करते हुए कहा की "हम हिंदू हैं, लेकिन हिंदी नहीं, अगर आप महाराष्ट्र को हिंदी के रूप में चित्रित करने की कोशिश करेंगे, तो महाराष्ट्र में संघर्ष अपरिहार्य है, यदि आप यह सब देखेंगे, तो आपको एहसास होगा कि सरकार जानबूझकर यह संघर्ष पैदा कर रही है, क्या यह सब आगामी चुनावों में मराठी और गैर-मराठी के बीच संघर्ष पैदा करने और इसका फायदा उठाने की कोशिश है? इस राज्य के गैर-मराठी भाषी लोगों को भी सरकार की इस योजना को समझना चाहिए, ऐसा नहीं है कि उन्हें आपकी भाषा से कोई विशेष प्रेम है, वे आपको भड़का कर अपनी राजनीतिक अंगारें जलाना चाहते हैं,"
'दुकानों पर नहीं बिकेंगी हिंदी किताबें'
राज ठाकरे ने अपील की है कि "स्कूल प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए, उन्होंने कहा कि पहली कक्षा से हिंदी भाषा सीखने की अनिवार्यता महाराष्ट्र में बर्दाश्त नहीं की जाएगी, स्कूली पाठ्यक्रम की हिंदी पुस्तकें दुकानों में नहीं बेची जाएंगी और स्कूलों को छात्रों को ये पुस्तकें वितरित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी"