Advertisement

महाराष्ट्र के प्राथमिक विद्यालयों में 2025 से हिंदी अनिवार्य होगी

इससे भाषा विषयों में बड़े बदलाव आएंगे, खासकर मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में

महाराष्ट्र के प्राथमिक विद्यालयों में 2025 से हिंदी अनिवार्य होगी
SHARES

महाराष्ट्र सरकार ने घोषणा की है कि कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों के लिए हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य किया जाएगा। यह बदलाव शैक्षणिक वर्ष 2025-2026 से शुरू होगा। यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 का हिस्सा है। (Hindi to Be Compulsory in Maharashtra Primary Schools from 2025)

स्कूल शिक्षा विभाग ने बुधवार, 16 अप्रैल को एक सरकारी प्रस्ताव के माध्यम से यह अपडेट साझा किया। वर्तमान में, तीन-भाषा प्रणाली का उपयोग केवल माध्यमिक विद्यालय स्तर पर किया जाता है। इस निर्णय के साथ, अब यह प्राथमिक स्तर से शुरू होगा।इससे भाषा विषयों में बड़े बदलाव आएंगे, खासकर मराठी और अंग्रेजी-माध्यम वाले स्कूलों में। नए राज्य पाठ्यक्रम ढांचे के तहत इन स्कूलों में कक्षा 1 से हिंदी पढ़ाई जाएगी।

अन्य शिक्षण माध्यमों वाले स्कूलों में अंग्रेजी और मराठी अनिवार्य होंगी। तीसरी भाषा ही शिक्षण का माध्यम होगी। एनईपी को चार चरणों में लागू किया जाएगा। इसकी शुरुआत 2025-2026 में कक्षा 1 से होगी। नई प्रणाली में चार भाग होंगे  जो प्राइमेरी (आयु 3 से 8), प्री-सेकेंडरी  (कक्षा 3 से 5) सेकेंडरी (कक्षा 6 से 8) और माध्यमिक (कक्षा 9 से 12)

यह मॉडल पुराने 10+2+3 प्रारूप को 5+3+3+4 संरचना से बदल देगा। बदलाव में मदद करने के लिए, स्कूलों को नए परीक्षा नियम, अपडेट दैनिक समय सारिणी और शिक्षक प्रशिक्षण भी मिलेगा। एक नए तरह के रिपोर्ट कार्ड का भी इस्तेमाल किया जाएगा। इसे होलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड कहा जाता है।

यह रिपोर्ट कार्ड केवल अंकों से अधिक दिखाएगा। इसमें छात्र के व्यवहार और व्यक्तित्व पर नोट्स शामिल होंगे। इसका उद्देश्य तनाव को कम करना और वास्तविक सीखने पर ध्यान केंद्रित करना है। इसे 2025-2026 में कक्षा 1 में पेश किया जाएगा।

बालभारती और राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (SCERT) नई पाठ्यपुस्तकें और शिक्षण सामग्री तैयार करेंगे। वे इस बदलाव का समर्थन करने के लिए एक "सेतु पाठ्यक्रम" भी बनाएंगे। NCERT की पुस्तकों को नई ज़रूरतों के हिसाब से अपडेट किया जाएगा।

कई शिक्षक और शिक्षा विशेषज्ञ नए नियम पर चर्चा कर रहे हैं। इस बात पर चिंता जताई गई है कि ज़्यादातर प्राथमिक स्कूलों में सिर्फ़ दो शिक्षक हैं और छात्र तीन भाषाओं को कैसे संभालेंगे, जबकि छात्र अपने पहले साल में ही मराठी में पढ़ने और लिखने में संघर्ष कर रहे हैं।

यह भी पढ़े-  नवी मुंबई- मेट्रो लाइन 8 परियोजना CIDCO के साथ पूरी की जाएगी

Read this story in मराठी or English
संबंधित विषय
मुंबई लाइव की लेटेस्ट न्यूज़ को जानने के लिए अभी सब्सक्राइब करें