बीएमसी ने अपने अस्पतालों के अंदर जेनेरिक दवा स्टोर खोलने की योजना को मंज़ूरी दे दी है। ये स्टोर बाज़ार की तुलना में काफ़ी कम दामों पर ज़रूरी दवाइयाँ उपलब्ध कराएँगे। इससे हज़ारों मरीज़ों, खासकर कम आय वाले परिवारों, को मदद मिलेगी।(Mumbai Civic Hospitals to Get 24x7 Generic Drug Stores to Provide Low-Cost Medicines)
पहले चरण में मुंबई में 50 स्टोर
पहले चरण में, मुंबई भर में 50 स्टोर खोले जाएँगे। ये स्टोर प्राथमिक, माध्यमिक और प्रमुख नागरिक अस्पतालों में स्थापित किए जाएँगे। इस शुरुआती चरण की सफलता यह तय करेगी कि अगले चरण में और स्टोर जोड़े जाएँगे या नहीं। सूत्रों के अनुसार, 4,000 से ज़्यादा दवाओं के लिए टेंडर पहले ही जारी किए जा चुके हैं।
यह प्रस्ताव सबसे पहले नेशनल फेडरेशन ऑफ़ फ़ार्मर्स प्रोक्योरमेंट, प्रोसेसिंग एंड रिटेलिंग कोऑपरेटिव्स ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (NACOF ) ने सुझाया था, जिसने शहर में 58 स्टोर खोलने की मंज़ूरी मांगी थी। विचार-विमर्श के बाद, बीएमसी के शहरी विकास विभाग ने 50 स्टोर को मंज़ूरी दे दी।प्रत्येक स्टोर को अस्पताल परिसर में 150 वर्ग फुट का स्थान आवंटित किया जाएगा। लीज़ अवधि 15 साल की होगी, जिसका मामूली किराया 5 रुपये प्रति वर्ग फुट प्रति माह होगा।
मरीज़ों के हर साल बचेंगे हज़ारों रुपये
अस्पतालों में दवाइयों की खरीद में देरी के कारण कई मरीज़ अक्सर महंगी ब्रांडेड दवाएँ खरीदने को मजबूर होते हैं। ब्रांडेड दवा का पेटेंट खत्म होने के बाद जेनेरिक दवाएँ बेची जाती हैं। इनमें वही सक्रिय तत्व होते हैं और ये उतनी ही प्रभावी होती हैं, लेकिन इनकी कीमत बहुत कम होती है। लंबी अवधि की बीमारियों के लिए, कीमतों में यह अंतर मरीज़ों को हर साल हज़ारों रुपये बचा सकता है।
बिस्तरों की उपलब्धता और सुविधाओं के लिए ऑनलाइन प्रणाली पर भी विचार
इसके अलावा, बीएमसी का स्वास्थ्य विभाग एक ऑनलाइन प्रणाली शुरू करने की योजना बना रहा है। इसमें एक पोर्टल, डैशबोर्ड और चैटबॉट शामिल होगा जो रीयल-टाइम जानकारी देगा। मरीज़ केईएम, सायन, नायर और कूपर जैसे बड़े अस्पतालों के साथ-साथ उपनगरीय अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डायग्नोस्टिक सेवाओं, बिस्तरों की उपलब्धता और सुविधाओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
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