मुंबई उच्च न्यायालय (Bombay high court) ने अभिनेत्री कंगना रनौत(Kangana ranaut) के कार्यालय को ध्वस्त करने के लिए मुंबई नगर निगम (BMC) की कार्रवाई को अवैध घोषित कर दिया है। यह स्पष्ट है कि नगर निगम द्वारा की गई कार्रवाई जल्दबाजी और बुरे इरादों और प्रतिशोध के साथ की गई थी, ऐसे शब्दों में अदालत ने मुंबई नगर निगम को थप्पड़ मारा है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस कार्यालय को नगर निगम को वापस करना होगा।
बीएमसी ने जुहू में कंगना रनौत के कार्यालय के अनधिकृत निर्माण के खिलाफ कार्रवाई की थी। कंगना ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट का रुख किया था। कंगना ने निगम के खिलाफ मुकदमा दायर किया। कंगना ने निगम द्वारा अवैध कार्रवाई के कारण 2 करोड़ रुपये के नुकसान की भरपाई की मांग की है।
शुक्रवार को जस्टिस शाहरुख कथावाला और रियाज छागला की पीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने नगर पालिका की कार्रवाई को अवैध घोषित कर दिया है। निगम द्वारा जारी नोटिस और निगम द्वारा जारी किए गए दोनों आदेशों को अदालत ने रद्द कर दिया है।
अदालत ने कार्रवाई के कारण क्या नुकसान हुआ, इसका आकलन करने के लिए एक अधिकारी को नियुक्त किया है। मुआवजे की राशि तय करने के लिए मूल्य निर्धारणकर्ता को तीन महीने दिए जाते हैं। पीठ ने कहा कि उनकी रिपोर्ट मिलने के बाद, मुआवजे पर उचित आदेश मार्च में जारी किया जाएगा।
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